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मलिन बस्ती में रहने वालों को एक हजार रुपये में मिलेंगे फ्लैट, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी; जानें- पूरी योजना Those living in slums will get flats for one thousand rupees, Yogi cabinet approved; Know- Complete Scheme

 

लखनऊ

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मलिन बस्तियों के स्थान पर अपार्टमेंट बनवाने जा रही है। यह अपार्टमेंट पीपीपी माडल पर विकसित किए जाएंगे। इसमें मलिन बस्ती के लोगों को एक हजार रुपये पंजीकरण शुल्क पर फ्लैट दिए जाएंगे। गुजरात माडल को अपनाते हुए योगी कैबिनेट ने गुरुवार को ‘उत्तर प्रदेश स्व-स्थाने मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति-2021’ को हरी झंडी दे दी है। इसमें ऐसी मलिन बस्तियां चुनी जाएंगी जो शहरों में मुख्य स्थानों पर होने के साथ ही व्यावसायिक रूप से संगत हैं।

पीपीपी माडल के लिए ऐसी मलिन बस्तियां चुनी जाएंगी जो राजकीय भूमि पर, नगरीय निकायों की भूमि पर, नजूल की भूमि पर हों। इस योजना के तहत उन बस्तियों को नहीं लिया जाएगा जो नदी, नाले या अन्य खतरनाक स्थान पर स्थित हैं। नगर निगमों में मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी, जबकि नगर पालिका परिषद वाले शहरों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनेगी। यह समिति डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कराएगी। इसे सूडा के माध्यम से नगर विकास विभाग भेजा जाएगा।

शासन में अपर मुख्य सचिव नगर विकास की अध्यक्षता में समिति डीपीआर का परीक्षण करेगी। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति डीपीआर को मंजूरी देगी। डीपीआर स्वीकृत होने के बाद टेंडर निकालकर विकासकर्ताओं का चयन किया जाएगा। इस योजना के शुरू होने से मलिन बस्तियों के लोगों को काफी लाभ मिलेगा।

सरकार मलिन बस्ती की जमीन विकासकर्ता को मुफ्त देगी। यहां मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी। यह अपार्टमेंट विकासकर्ता अपने पैसों से बनाएंगी। सरकार इन मलिन बस्तियों में रहने वाले उन लोगों को फ्लैट देगी जिनके पास कहीं दूसरा पक्का मकान नहीं है। लाभार्थियों को आधार से जोड़कर फ्लैट दिए जाएंगे। सरकार बस्ती की कुछ जमीन विकासकर्ता को व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए देगी। इसमें व्यावसायिक कांप्लेक्स बनेगा, इससे विकासकर्ता अपने खर्चे निकालेंगे। सरकार अपार्टमेंट के रख-रखाव के लिए एक कार्पस फंड भी बनाएगी।

  • अपार्टमेंट में मिलेंगी सामुदायिक सुविधाएं
  • कम्युनिटी हाल, बच्चों के खेलने का स्थान
  • शुद्ध पेयजल, सीवेज व ड्रेनेज सिस्टम
  • सड़क, लाइट व छोटे वाहनों के लिए पार्किंग

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