छत्तीसगढ़

मंच पर बघेल बन गए एंकर, हेमंत सोरेन का लिया साक्षात्कार Baghel became anchor on stage, interviewed Hemant Soren

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के उद्घाटन के दौरान गुरुवार को मंच पर जो कुछ हुआ, वह अनूठा था। सब कुछ तय कार्यक्रम के अनुसार चल रहा था, तभी अचानक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सामने रखा माइक उठाया और बगल में बैठे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल करने शुरू कर दिए। एक सधे हुए एंकर की तरह बघेल ने जब सवाल करना शुरू किया तो मंच पर मौजूद अन्य अतिथियों और दर्शकों के साथ ही सोरेन भी मुस्कुराए बिना न रह सके। सोरेन ने फौरन कहा भी, इस शो के एंकर तो आप ही हो गए हैं।

कार्यक्रम में मौजूद लोग ध्यान से सुनते रहे

दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच चले इस सवाल-जवाब के क्रम को कार्यक्रम में मौजूद सभी बड़े ध्यान से सुनते रहे। इस दौरान बघेल ने सोरेन से कुल तीन सवाल किए। दरअसल, दोनों मुख्यमंत्री जब प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे थे, तब भीड़ के बीच मीडिया के प्रतिनिधि लगातार उनसे बात करने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे में बघेल ने पत्रकारों की उत्सुकता को देखकर खुद न्यूज एंकर के रूप में झारखंड के मुख्यमंत्री से सवाल-जवाब कर दिए। अंत में बहुत-बहुत धन्यवाद हेमंत भाई कह उन्होंने अपनी बात खत्म की।

इस तरह चला दो मुख्यमंत्रियों के बीच सवाल-जवाब का सिलसिला

बघेल- आपको हमारा छत्तीसगढ़ कैसा लगा?

सोरेन- यहां आकर अच्छा महसूस हो रहा है। यहां सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं बल्कि अन्य राज्यों के आदिवासी भी मौजूद हैं। विदेश से भी आदिवासी आए हैं। कहा जा सकता है कि आज यह आदिवासी समुदाय के लिए एक गौरव का क्षण है।

बघेल- यहां दुनियाभर से आदिवासी आए हुए हैं। हमारे झारखंड और छत्तीसगढ़ के भी हैं। आपको नहीं लगता कि आप झारखंड में ही हैं?सोरेन (हंसते हुए)- मैं यही बात कहने ही वाला था कि मुझे तो लग ही नहीं रहा है कि मैं छत्तीसगढ़ में हूं। मैंने पहले भी कहा कि जिन लोगों को भी देख रहा हूं, उन सभी लोगों में मैं अपने राज्य की कुछ न कुछ झलक देख रहा हूं। देश- विदेश के आदिवासियों में अद्भुत समानता है।सोरेन (हंसते हुए)- मैं यही बात कहने ही वाला था कि मुझे तो लग ही नहीं रहा है कि मैं छत्तीसगढ़ में हूं। मैंने पहले भी कहा कि जिन लोगों को भी देख रहा हूं, उन सभी लोगों में मैं अपने राज्य की कुछ न कुछ झलक देख रहा हूं। देश- विदेश के आदिवासियों में अद्भुत समानता है।बघेल- हमारी सरकार ने राज्य में आदिवासियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और लघु वनोपज के लिए बहुत सारी गतिविधियां की हैं। इनमें आपको सबसे अच्छा क्या लगा?सोरेन- सबसे अच्छा लगा कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने प्रदेश के आदिवासी समुदाय को आर्थिक पिछड़ापन से उबारने के लिए लगातार अभिनव प्रयास कर रही है। मुझे लगता है कि यहां के आदिवासी समुदाय के लोग जिस क्षेत्र में भी जाना चाहें, वहां अच्छी प्रगति कर सकते हैं। चाहे गारमेंट सेक्टर हो, खाद्य सामग्री उत्पादन हो या वनोपज संग्रहण, हर क्षेत्र में यहां का आदिवासी समुदाय अपने आपको आर्थिक रूप से समृद्ध कर सकते हैं।

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