*किसानों ने प्रदेश सरकार की धान खरीदी की नीति की खोली पोल, कलेक्टर को ज्ञापन सौंप व्यवस्था दुरुस्त करने की रखी मांग* *(किसान नेता योगेश तिवारी के नेतृत्व में किसानों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, परेशानियों से कराया अवगत)*
बेमेतरा:- प्रदेश सरकार के धान खरीदी की गलत नीतियों के विरोध में किसान नेता योगेश तिवारी के नेतृत्व में क्षेत्र के किसानों ने मंगलवार को राज्यपाल के नाम पर कलेक्टर भोसकर विलाप संदीपान को ज्ञापन सौंपा। कलेक्टर को सौंपा गए ज्ञापन में किसान नेता और किसानों ने राज्य सरकार के धान खरीदी की नीति की पोल खोल कर रख दी, जहां उन्होंने कलेक्टर को अवगत कराया कि प्रदेश सरकार की धान खरीदी की गलत नीतियों के कारण किसान व सोसाइटी के कर्मचारी काफी परेशान हैं एक और जहां 70% किसानों को बारदाना का भुगतान नहीं हुआ है वही दूसरी ओर शॉर्टेज के कारण सेवा सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है। कर्मचारियों को कई महीनों से तनख्वाह नहीं मिल पा रही है, बावजूद प्रदेश सरकार समितियों की आर्थिक स्थिति को सुधारने, धान का उठाव, शॉर्टेज समेत अन्य समस्याओं के निराकरण को लेकर गंभीर नहीं है। खरीदी केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक कांटा से धान की तौल अनिवार्य किए जाने की मांग प्रमुख रूप से रखी। ज्ञापन सौंपने के दौरान जीवन गायकवाड, हुलास साहू, राजेंद्र साहू, राजेश मारकंडे, मनुराम साहू, अश्वनी मानिकपुरी, गोलू साहू, हरिश धृतलहरें, मनोज दुबे, नरेश साहू, पीयूष शर्मा, राजेश शर्मा, अजय मिश्रा, अरुण साहू, मनोज बंजारे, डिगेश बंजारे, गंगाराम साहू, गजेंद्र साहू, माधो साहू, गोलू साहू आदि उपस्थित थे।
*खरीदी केंद्रों को शॉर्टेज की क्षतिपूर्ति दे सरकार*
योगेश तिवारी ने बताया कि कि शासन की गलत नीति के चलते प्रदेश के उपार्जन केन्द्रों में धान सड़ते हुए पड़ा हुआ है। धान में सूखत एवं वर्षा से सड़ने के कारण जो कमी आई है उसका प्रावधान कर सोसायटियों को क्षतिपूर्ति की राशि मुहैया कराए जाने की मांग की गई है। खरीदी की नीति के अनुसार उपार्जन केंद्रों में धान की आवक बफर लिमिट से ज्यादा आती है तो उसे 72 घंटे में उठाए जाने की अनिवार्यता है। लेकिन उक्त नीति का पालन नहीं होने के कारण ही धान में भारी शार्टेज आ रहा है, जिसकी जिम्मेदारी शासन को लेनी चाहिए। बारदाने की राशि का शीघ्र भुगतान करें सरकार, किसान नेता ने बताया कि खरीफ वर्ष 2020-21 में धान खरीदी के समय किसानों द्वारा दिए गए बारदाने की राशि अभी तक मिली है। राशि का भुगतान अति शीघ्र कराया जाए, खरीफ वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में धान खरीदी के लिए शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से लिए गए बारदानों की राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, जिसके शीघ्र भुगतान की मांग की गई है। 1 नवंबर से शुरू हो धान की खरीदी किसानों ने इस वर्ष धान खरीदी 1 नवंबर से आवश्यक रूप से प्रारंभ किए जाने और, कांग्रेस के वायदे के अनुसार विगत दो वर्षों के लंबित धान के बोनस का भुगतान तत्काल किए जाने की मांग की गई है। पुनर्गठन पश्चात अस्तित्व में आई नवीन सोसाइटी तथा अन्य समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन अप्राप्त है। जिसे तत्काल भुगतान किए जाने की मांग की गई है।