चीन के बाद अब इस देश में फ्यूल क्राइसिस, पेट्रोल पंपों पर साइबर अटैक After China, now fuel crisis in this country, cyber attack on petrol pumps
तेहरान. ईरान (Iran) में मंगलवार को पेट्रोल पंपों को साइबर हमले (Cyber attack) का सामना करना पड़ा. इस वजह से ईंधन सब्सिडी का प्रबंधन करने वाला एक सरकारी सिस्टम बंद हो गया. वहीं, बंद पड़े पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनों में लोगों को लगे हुए देखा गया. अभी तक किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
हालांकि, एक महीने पहले भी इसी तरह के हमले हुए थे. इसे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) को सीधे चुनौती के तौर पर देखा गया. ईरान पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.देश के सरकारी टेलीविजन ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में एक अनाम अधिकारी के हवाले से साइबर हमले की पुष्टि की. तेहरान में पेट्रोल पंपों के बंद होने की वजह से कारों की लंबी लाइनों को देखा गया. सरकारी टेलीविजन ने कहा कि तेल मंत्रालय के अधिकारी तकनीकी समस्या को हल करने के लिए एक आपातकालीन बैठक कर रहे हैं
इसने कहा कि जब लोग मशीनों के जरिए सरकार द्वारा जारी किए गए कार्ड से ईंधन खरीदने की कोशिश कर रहे थे, तो उन्हें ‘साइबरअटैक 64411’ वाला मैसेज स्क्रीन पर दिखाई दिया.
दरअसल, अधिकांश ईरानी सब्सिडी वाले ईंधन के भरोसे रहते हैं. खासतौर पर देश की आर्थिक स्थिति की वजह से ये और भी जरूरी हो जाता है. ISNA ने इस संख्या के महत्व के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. लेकिन ये संख्या खामेनेई के कार्यालय के माध्यम से चलने वाली एक हॉटलाइन से जुड़ी है, जो इस्लामी कानून के बारे में सवालों का जवाब देती है.साइबर अटैक के दौरान ‘64411’ संख्या ने जुलाई में ईरान के रेलरोड सिस्टम पर हुए साइबर हमले की याद ताजा कर दी है. उस दौरान भी ये संख्या देखने को मिली थी. इजरायली साइबर सुरक्षा फर्म चेक प्वाइंट ने बाद में ट्रेन हमले के लिए हैकर्स के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया था, जो खुद को इंद्र कहते हैं