छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

बंद होने के का खतरा मंडराव रहा है छोटे और बड़े उद्योगों पर-खुराना एक साल में ही कच्चा माल के मूल्यों में 70 प्रतिशत हुई वृद्धि से उद्योगों की स्थिति हुई खराब

भिलाई।  छोटे और बड़े उद्योग आज ख़तरे में आ चुके है बंद होने की कगार में है। हर दिन लोहे के कच्चा माल के  मूल्यों में होती रही वृद्धि जिसके कारण प्लेट, ऐंगल, चैनल पिंग आइरन के मूल्यों में 70 प्रतिशत की वृद्धि पिछले एक साल में ही हो गई है। जबकि एक साल पूर्व इसका मूल्य 36 रूपये था और अब उसका मूल्य सीधे 72 रूपये हो गया है। अभी पिछला नुक़सान उद्योगपति तो सह नहीं पाए थे और आज फिर लोहे के मूल्य में वृद्धि हो गयी और यही नहीं ये मूल्य दिन पे दिन बढ़ता ही जा रहा है। इन मूल्यों की वृद्धि के कारण आम आदमी भी परेशान हो गया है कोई भी अपने नए घर बनाने की कोशिश करने की भी नहीं सोच सकता क्योंकि जो छड़ 36 रुपये था वो 57 रुपय जो गया है सिमेंट के रेट्स में वृद्धि  हो गयी है सिमेंट सही तरीक़े से मिल भी नहीं पा रहा है। आज लोहे के मुल्यों में ऐसे वृद्धि बढ रहे हैँ उक्त बातें भिलाई ऐन्सिलेरी एसोसीएशन के अध्यक्ष एवं उद्योगपति अरविन्दर सिंह खुराना ने कही।

अरविन्दर सिंह खुराना अध्यक्ष भिलाई ऐन्सिलेरी असोसीएशन एवं उद्योगपति ने उसका कारण
आज लोहे के मूल्यों में वृद्धि बिना लगाम के घोड़े की तरह बढ़ रहे है।
खुराना ने आगे कहा कि उद्योगपति इस कारण परेशान है की जो वर्क ऑर्डर उद्योगपतियों के पास है वो उन्हें कैसे पूरा करेंगे क्योंकि कच्चे माल के रेट बढ़ गए पर स्टील प्लांट उद्योगपतियों को उनके वर्क ऑर्डर के रेट में वृद्धि नहीं दे रहे ऐसे में सभी उद्योगपति परेशान है और तकलीफ़ में आ गए है क्योंकि अगर प्लांट को वो मटीरीयल सप्लाई नहीं करेंगे तो उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दीया जाएगा और अगर मटीरीयल  सप्लाई करते है तो उद्योगपतियों को भारी नुक़सान सहना पड़ेगा जिससे वह अपने उद्योग चला नहीं पाएँगे।

कहीं रेट्स की वृद्धि कुछ बड़े लोगों को और बड़ा बनाने की साजिश तो नही
ये आनियियंत्रित कच्चे माल  के मूल्यों में वृद्धि समझ से बाहर है।  खुराना ने केंद्रीय सरकार से इस और धयान आकर्षित करने का निवेदन कर रहे की लोहे  के रेट्स में वृद्धि को रोके और इन्हें कम करे नहीं तो छोटे और बड़े उद्योगों का नामों निशान मिट जाएगा बेरोजग़ारी बढ़ जाएगी क्योंकि उद्योगपतियों के पास अपने उद्योग बंद करने के इलावा कोई रास्ता नहीं रह जाएगा। अरविन्दर सिंह खुराना ने केंद्रीय सरकार एवं राज्य सरकार से उद्योगों को बचाने की गुहार लगायी है नहीं तो सभी उद्योगपति सड़क पे आ जाएँगे।

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