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कबाड़ के आड़ में खदान से चोरी का खेल, अधिकारी बन रहे अंजान, अब कबाड़ चोरों की नज़र डीजल पर भी…

कोरबा – काले हीरे की नगरी कोरबा में चोरी का खेल बदस्तूर जारी है। चोरों के हौसले इतने बुलंद है कि जिस खदान में आम लोगो का जाना प्रतिबंधित है वहां गाड़ियों में घुसकर वे चालू मशीनों के पार्ट्स तक चोरी कर जाते हैं। इधर पुलिस रिपोर्ट के अभाव में ऐसे चोरों पर अंकुश लगाने में नाकाम है। सूत्र बताते है कि कबाड़ चोरों के सरगना की नज़र अब डीजल चोरी पर भी है लेकिन पुलिस अब भी इसकी ऊंची पहुंच को देख इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी।


दरअसल कोरबा जिले से एसईसीएल को 90 फीसदी कोयले की आपूर्ति होती है इस उत्पादन की पूर्ति करने करोड़ो की मशीने लगी रहती हैं। इन्ही मशीनों पर कबाड़ चोर भी गिद्ध नज़र गड़ाए रहते है। मशीनों के ब्रेक डाउन होते ही कबाड़ चोर रात के अंधेरे में उनके महंगे पार्ट्स चोरी कर चंपत हो जाते है। यह आंकड़ा कहने जितना छोटा नहीं है बल्कि कबाड़ में भी इन पार्ट्स की कीमत लाखों में होती है सोचिए अगर हर रोज लाखों का कबाड़ एक खदान से पार होता है तो एसईसीएल को कितना नुकसान होता है साथ ही मुख्य सरगना के हाथ कितनी राशि लगती होगी। इस राशि का एक हिस्सा सरगना खदान सुरक्षा में तैनात सिपाहियों को भी दिया करता है वहीं पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी भी बिना खर्चा लिए गाड़ियों को पास नहीं होने देती है।
अब कबाड़ी की नज़र डीजल के कारोबार पर है। पहले यही कबाड़ी खदान से जुगाड़ में डीजल लिया करता था लेकिन अब उनकी नज़र डीजल चोरी करने पर है, सूत्र बताते है कि सरगना अब कुसमुंडा खदान से डीजल चोरी करवाने का काम किया करेगा। इतनी हिम्मत का काम बिना स्थानीय पुलिस के सहयोग से नहीं किया जा सकता है ऐसे में एसईसीएल फिर करोड़ो के घाटे में जाने वाला है यह कारोबार ऐसे समय में किया जा रहा है जबकि एसईसीएल पर कोयले के उत्पादन और आपूर्ति का दबाव है। ऐसे में अगर सरगना किसी चालू मशीन का पार्ट्स बेच दे या किसी चालू मशीन का डीजल चोरी कर ले जाये तो एसईसीएल का टारगेट से पिछड़ना तय माना जा रहा है। जरूरत है एसईसीएल को अपने सुरक्षा व्यवस्था को तगड़ा करने के साथ ही स्थानीय पुलिस को भी अपनी पेट्रोलिंग तगड़ा करना चाहिए नहीं तो आपदा का यह समय सरगना के लिए अवसर बन जायेगा।

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