बैंक कैशियर से पिस्तौल दिखा स्कूटी सहित लुटे 15 लाख रूपये दुर्ग के इंडियन बैंक के मेन ब्रांच के कर्मी के साथ लुटेरों ने दिया घटना का अंजाम
दुर्ग। नगर के कसारीडीह में स्थित इंडियन बैंक के मेन ब्रांच के कैशियर और हेड क्लर्क को बुधवार को पल्सर पर सवार तीन लुटेरों ने बैंक के कैशियर और हेड क्लर्क को पिस्टलनुमा हथियार दिखाकर उनको स्कूटी से उतारकर खुद ही स्कूटी सहित उसमें रेख हुए 15 लाख रूपये लूट लिये। ऐसा लगता है कि उन्हें पता था कि कैशियर ने स्कूटी के अंदर 15 लाख रुपए रखे हैं। घटना के पश्चात पीडित बैंककर्मी ने पुलिस और बैंक अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कसारीडीह ब्रांच के हेड क्लर्क राहुल चौहान 35 वर्ष बुधवार सुबह 10 बजे इंडियन बैंक दुर्ग की मुख्य शाखा में कैश लेने गया था। उसने वहां से 15 लाख रुपए निकाले और स्कूटी की डिक्की में डालकर कसारीडीह ब्रांच के लिए निकला। जैसे ही राहुल पोलसायपारा के पास लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास पहुंचा पीछे से काले रंग की पल्सर बाइक से तीन युवक पहुंचे और राहुल को रोक लिया। राहुल कुछ समझ पाता उन लोगों ने उसके पीछे से पिस्टलनुमा हथियार टिका दिया। इससे राहुल काफी डर गया। उन लोगों ने उसे स्कूटी से उतार दिया। इसके बाद उनका एक साथी स्कूटी लेकर भाग गया। पीछे से पल्सर सवार भी फरार हो गए। फिर राहुल ने आसपास के लोगों को घटना के बारे में बताया और डायल 112 में फोन कर लूट की जानकारी दी।
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे पल्सर सवार आरोपी व पीडि़त।
त्यौहार का सीजन आते ही शुरू हो जाती है लूट, बैंक की लापरवाही भी सामने आई
त्यौहार का सीजन आते ही लुटेरों द्वारा लूट की घटना को अंजाम देने का मामला बढ जाता है। पहले तो ये भीड़ भाड़वाले जगह और खासतौर आउटर की या छोटे बैंकों की कई दिन तक ये रेंकिक करते है। उसकेा बाद लूट की घटना को अंजाम देते हैं। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार लूट की वारदात को अंजाम देने वाला गिरोह बाहरी हो सकता है। यह गिरोह त्योहारी सीजन में अपनी सक्रियता को बढ़ाता है और छोटे बैंकों को निशाना बनाकर लूट की वारदात को अंजाम देता है।
पुलिस के मुताबिक इंडियन बैंक की छोटी शाखाओं का कलेक्शन हर दिन शाम को दुर्ग की मुख्य ब्रांच में जमा होता है। अगले दिन सुबह वही कैश बैंक कर्मचारियों द्वारा फिर से अपनी.अपनी ब्रांच बिना किसी सिक्योरिटी के ले जाया जाता है। कसारीडीह ब्रांच के राहुल चौहान भी इसी तरह अपनी ब्रांच का पैसा लेने हर दिन मुख्य ब्रांच जाते थे। इतनी मात्रा में कैश ले जाने के लिए वह स्कूटी के डिक्की का उपयोग करते थे। पुलिस का कहना है कि यदि बैंक के पास खुद की सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे तो उन्हें कैश लाने ले जाने के समय की जानकारी संबंधित थाना प्रभारी को देने थी।