लोकनायक जयप्रकाश नारायण की भिलाई में मनाई गई 119वीं जयंती मनी,सत्ता-संविधान,दशा और दिशा पर हुई परिचर्चा
भिलाई। भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 119 वीं जयंती पर समारोह का आयोजन सोमवार को शहर में किया गया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान, आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जनअधिकार अभियान समिति और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में यह आयोजन सेक्टर-6 जेपी प्रतिमा स्थल व एचएससीएल कालोनी रूआबांधा में हुआ।
आयोजन की शुरूआत सुबह 9 बजे सुपेला रेलवे क्रासिंग-सेक्टर-6 के मध्य स्थित जेपी प्रतिमा स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ हुई।
इस अवसर पर समाजवादी पार्टी चंद्रशेखर के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मीसा बंदी श्यामजी त्रिपाठी मुख्य अतिथि थे। विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री व पूर्व विधायक बदरुद्दीन कुरैशी और श्रमिक नेता प्रभुनाथ मिश्रा थे। प्रख्यात साहित्यकार-पत्रकार गिरीश पंकज ने अध्यक्षता की। समस्त अतिथियों व आए हुए अन्य विशिष्ट व्यक्तित्वों ने जेपी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
इसके उपरांत जेपी प्रतिष्ठान रूआबांधा एचएससीएल कालोनी में वैचारिक आयोजन हुआ। जिसमें विषय ‘सत्ता और संविधान:दशा और दिशाÓ रखा गया था। मुख्य अतिथि सजपा चंद्रशेखर के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामजी त्रिपाठी ने कहा कि जब पूंजीवाद का शिकंजा आम जनता पर कसने लगे और उनके लिए कोई स्थान न हो तो ऐसी स्थिति में लोकनायक के विचारों की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि सरकारों में पूर्ववर्ती सरकारों के प्रति बदले की भावना से विकास कार्य प्रभावित होता है। हमें राजनीतिक आजादी तो मिल गई किंतु आर्थिक आजादी नहीं मिली है।
इन दिनों सत्ताधीश अपनी सत्ता के मद में संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। पूर्व राज्यमंत्री बदरुद्दीन कुरैशी ने कहा कि आज गरीब और असहाय वर्ग का संघर्ष समाप्त नहीं हुआ है। आज भी वंचित तबका अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं। ऐसे में जेपी की याद आना स्वाभाविक है। श्रमिक नेता प्रभुनाथ मिश्रा ने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति समाजहित में कार्य करने निकलता है तो उसे सभी वर्ग का समर्थन मिलता है। उन्होंने महाभारत का संदर्भ देते हुए सत्ता और संविधान पर अपनी बातें रखीं। संयोजक आरपी शर्मा ने कहा कि आज किसान-मजदूर अपने हक के लिए सड़क की लड़ाई लड़ रहे हैं।
इस पर सरकारी अंकुश लगाए जा रहे हैं। वहीं अपना हक मांगने वालों को सत्ताधीशों के परिजन जीप से कुचल रहे हैं। अध्यक्षीय उद्बोधन में गिरीश पंकज ने कहा कि इन दिनों सबसे बड़ा संकट विचारों का है। लोग ईडियट बॉक्स (टेलीविजन) के सामने बैठ कर अपनी ऊर्जा नष्ट करते हैं। बहस-मुबाहिसों में लोग एक दूसरे के विचारों को काटने पहल करते हैं। जेपी के विचारों ने सभी दलों के लोगों को प्रभावित किया। उनका चिंतन राजनीतिक आजादी के बाद आर्थिक आजादी प्राप्त करने की ओर था, जो आज भी प्रतीक्षित है।
सभा को वरि़ष्ठ कांग्रेसी नेता मोहन गुप्ता और समाजवादी नेता त्रिलोक मिश्रा ने भी संबोधित किया। संचालन आरपी शर्मा ने और आभार प्रदर्शन हाऊस लीज संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेंद्र परगनिहा ने किया। कार्यक्रम में आरके शर्मा, शिवशंकर सिन्हा, बीएम सिंह, शिवकुमार प्रसाद किताबुद्दीन, त्रिभुवन मिश्रा, जे. मलैया, रामदेव सिंह, एपी सिंह, सत्यनारायण गुप्ता, महेंद्र महतो, खूबचंद गुप्ता, आरडी चौधरी, नागेंद्र प्रसाद, ठाकुर गौतम सिंह, नंद किशोर साहू, अरविंद कुमार, कन्हैया चुरहे, खिलावन देवांगन और सजपा चंद्रशेखर के पूर्व अध्यक्ष मनमोहन अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।