छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने ली आश्रम-छात्रावास अधीक्षकों की बैठक

कलेक्टर ने ली आश्रम-छात्रावास अधीक्षकों की बैठक
बच्चों को अध्यापन कार्य के साथ-साथ अन्य गतिविधियों से भी जोड़े-कलेक्टर श्री साहू 
नारायणपुर 11 अक्टूबर 2021 – कलेक्टर श्री धर्मेश कुमार साहू ने आज सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के सभाकक्ष में आश्रम-छात्रावासों के अधीक्षकों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में रहने वाले बच्चों की देखरेख स्वयं की बच्चों की तरह ही करें। इसके साथ ही बच्चों को अध्यापन कार्य के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों से भी जोड़े। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग कर आश्रम-छात्रावास को और अधिक व्यवस्थित करें। कलेक्टर श्री साहू ने अधीक्षकों को निर्देशित करते हुए कहा कि आश्रम-छात्रावासों में आवश्यक पंजीयों का संधारण अनिवार्य रूप से किया जाये। इसके साथ ही निरीक्षण करने के लिए आने वाले अधिकारियों से निरीक्षण पंजी में टीप अवश्य लिखवायें। साथ ही स्टॉक रजिस्टर में उपलब्ध सामग्रियों कों इंदाज भी करें। बैठक में एसडीएम श्री जितेन्द्र कुर्रे, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री संजय चंदेल के अलावा जिले में संचालित आश्रम-छात्रावासें के अधीक्षकगण उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री साहू ने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में बच्चों की सुरक्षा के लिए लगाये गये सीसीटीव्ही कैमरे और मनोरंजन हेतु लगाये गये टीव्ही चालू हालत में हो इसकी जिम्मेदारी संबंधित अधीक्षकों की होगी। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों की व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग हेतु जिला स्तरीय अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गयी है। इन अधिकारियों द्वारा आगामी दिनों में जांच की जायेगी, इसके पूर्व सभी व्यवस्थाओं में सुधार कर लिया जाये। अन्यथा लापरवाही बरतने वाले अधीक्षक-अधीक्षकाओ के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। बैठक के दौरान कलेक्टर ने आश्रम-छात्रावासों में रहने वाले बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु की गयी व्यवस्थाओं की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से बीमार बच्चों को उचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना आपकी जिम्मेदारी है। कलेक्टर श्री साहू ने कहा कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों जैसे की खेलकूद, बागबानी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पेंटिंग, चित्रकला एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु आप स्वयं पहल कर इनसे बच्चों को जोड़े। उन्होंने जिले में संचालित आश्रम-छात्रावासों के भवनों की स्थिति की जानकारी ली और मरम्मत कराये जाने योग्य कार्यों का प्रस्ताव तैयार कर षीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये

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