छत्तीसगढ़

श्रीमद् भागवत कथा का पाठ और श्रवण दोनों मानव कल्याण के लिए है- ब्रम्हचारी ज्योर्तिमयानंदः

*श्रीमद् भागवत कथा का पाठ और श्रवण दोनों मानव कल्याण के लिए है- ब्रम्हचारी ज्योर्तिमयानंदः जी*
कुलदेवी मां सती देवी के आशीर्वाद से प्रातः स्मरणीय ज्योतिष एवं द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के कृपा पात्र शिष्य ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंदः जी महाराज के मुखारविंद से राजा पाण्डेय के निवास दिनदयाल कालोनी बेमेतरा में बैकुंठ वासी मां एवं पिताजी के स्मृति में 7अक्टूबर से भागवत कथा निरंतर चल रहा है आज ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद जी ने श्रोताओं को भागवत महापुराण के बारे में बताते हुए कहा कि सैकड़ों वर्षो से यह महापुराण हिंदू समाज की धार्मिक सामाजिक और लौकिक मर्यादाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है इस महापुराण में सकाम कर्म, निष्काम कर्म, ज्ञान साधना, सिद्धि साधना, भक्ति, अनुग्रह, मर्यादा, निर्गुण- सगुण, तथा व्यक्त- अव्यक्त रहस्यों का समन्वय उपलब्ध होता है। श्रीमद् भागवत पुराण की विशालता और उदान्त काव्य-रमणीयता से ओतप्रोत है यह विद्या का अक्षय भंडार है यह पुराण सभी प्रकार के कल्याण देने वाला तथा त्रयताप-आधिभौतिक, आधिदैविक, और आध्यात्मिक आदि का शमन करता है ज्ञान भक्ति और वैराग्य का बोध कराने वाला यह एक महान ग्रंथ है जीवन में प्रत्येक इंसान को एक बार भागवत कथा का पाठ या श्रवण जरूरी है कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य के सारे दोष मिट जाते हैं निर्मल बुद्धि का प्रसार होने लगता है ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद जी ने कहां की भक्त और भगवान के बीच एक कड़ी श्रीमद्भागवत है जो भक्तों को भगवान के समीप पहुंचाता है भागवत कथा का पाठ और श्रवण दोनों मानव कल्याण के लिए ही है 18 पुराणों में से परम पवित्र पुराण है ,श्रीमद्भागवत महापुराण, इस महापुराण में भगवान विष्णु के अवतार और श्री कृष्ण की लीला कथा के अलावा भगवान के भक्त और उनकी मुक्ति की कथाएं भी मौजूद है इस महापुराण में एक प्रभु भक्त की कथा है जिसे पूर्व जन्म की सभी बातें याद थी इन्हीं यादों के कारण राजवंश में जन्म लेने के बाद भी वह सुख और भोगों में लिप्त नहीं हुआ और ऐसे उपाय किए कि माता-पिता को उन्हें घर छोड़ने का आदेश देना पड़ा माता पिता के आदेश से दुखी होने के बजाय उस प्रभु भक्त ने भगवान को धन्यवाद किया कि उसे गृह मोह से मुक्त होकर सन्यास ग्रहण करने का अवसर मिला है जिससे वह पूर्व जन्म की गलतियों से मुक्त होकर परमधाम को प्राप्त हो सके आज भागवत स्थल पर मुख्य रूप से रामाधार पाण्डेय,जीवधन तिवारी,रामा प्रसाद पाण्डेय, भगवती पाण्डेय, सर्व ब्राह्मण समाज के उपप्रांताध्यक्ष-लेखमणी पाण्डेय, सतीश कसार धनेश्वर पाण्डेय, नन्द किशोर पाण्डेय, अनिल मिश्रा,अनिल बाजपेई, रामाधार तिवारी,

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