बिलासपुर में केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग, धरना प्रदर्शन किया गया
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बिलासपुर। सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर नेहरू चौक बिलासपुर में धरना प्रदर्शन किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बंद के कार्यक्रम के तहत धरना दिया गया है जिसमें उन्होंने ये सब मांगे की है। तीन नए कृषि कानून को रद्द किया जाए। डीजल, पेट्रोल व रसोई गैस के दामों को आधा किया जाए। श्रमिक विरोधी नये लेबर कोड वापस लिया जाए। इसी तरह प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय मांगे भी की है। उसमें, रतनपुर नगर पालिका के अधिन अधिकृत एक भी बस स्टैण्ड नहीं है, तत्काल बस स्टैण्ड की स्थापना किया जाए। बिलासपुर कोरबा मुख्य मार्ग रतनपुर हाई स्कूल चौक के पास बरसात का पानी भरा रहता है। पानी की निकासी नहीं होती है, बरसात की पानी की निकासी की व्यवस्था करने की मांग। इसके साथ ही, फरवरी के अंतिम सप्ताह तथा 05 मार्च को रतनपुर बाई पास में एक युवक की संदिग्ध मौत और दोहरा महिला हत्याकांड की सी.बी.आई. जांच की मांग की गई। जबकि नेशनल हाईवे रोड रतनपुर-कोरबा मार्ग में मेलनाडिह स्कूल के समीप बच्चों के आने-जाने तथा पर्यटकों के आने-जाने का अंडरग्राउंड, ओवरब्रीज नहीं है। जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है, तत्काल व्यवस्था कराया जाए। और नेशनल हाईवे रोड रतनपुर-कोरबा मार्ग में मेलनाडिह निवासियों का नहर से आवागमन का साधन था जो पुल बनने के बाद ग्रामवासियों की निस्तारी बंद हो गई है, तत्काल व्यवस्था करावें।
ग्राम पंचायत कर्रा के कृषि मंडी के प्रबंधक पवन कुमार निर्मलकर के उपर कई भ्रष्टाचारी एवं अनियमितता के आरोप की शिकायत की गई है। लेकिन आवभगत स्वीकार कर उच्च अधिकारी मामला रफा-दफा कर देते हैं। उक्त मंडी प्रबंधक को तत्काल हटावें और मंडी बचायें तथा मंडी में सी सी कैमरा लगवाये। तथा ग्राम पंचायत जाली में उप स्वास्थ्य केन्द्र है, जहाँ पर 2012 से केशव श्रीवास पदस्थ है। और 2014 से भारती साहू पदस्थ है जो कि स्वास्थ्य केन्द्र को कभी खोलते नहीं। और न ही वहाँ पर निवासरत है। मेरे द्वारा समय-समय पर इनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई। लेकिन कोटा बी.एम.ओ. द्वारा आवभगत स्वीकार कर इन पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जाती। जिससे इनके हौसले बुलंद है। और उक्त स्वास्थ्य केन्द्र में ताला लगा रहता है। जिससे आस-पास के नागरिकों को उक्त स्वास्थ केन्द्र का लाभ नहीं मिल पाता, तत्काल उन पर कार्यवाही की जाये। आंदोलकारियों ने उपरोक्त मुद्दों को 30 दिवस के भीतर पूर्ण नहीं करने पर छत्तीसगढ़ किसान सभा चक्काजाम जैसे उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है और कहा गया है कि उसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी। इसी कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ किसान सभा के राकेश सिंह चौहान ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है।