समाज सुधार की पहल अपने घर से शुरू कर मिसाल कायम की थी डॉ. बघेल ने: परदेशीराम वर्मा
सेंट थॉमस कॉलेज में मनाई गई छत्तीसगढ़ के स्वप्नदृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल जयंती
भिलाई। सेंट थॉमस कॉलेज रुआबान्धा भिलाई में छत्तीसगढ़ के स्वप्नदृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल की 119 वीं जयंती के उपलक्ष्य में व्याख्यान का आयोजन शनिवार 20 जुलाई को किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रख्यात साहित्यकार डॉ. परदेशी राम वर्मा ने डॉ. खूबचंद बघेल के व्यक्तित्व और योगदान पर विस्तार से जानकारी दी। शुरुआत में महाविद्यालय के प्रशासक राइट रेवरेंट जॉर्ज मैथ्यू रंबान,प्राचार्य एमजी रॉयमन और डॉ. वर्मा ने डॉ खूबचंद बघेल के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर अपनी श्रद्धांजलि दी। सभागार में कॉलेज की प्राथर्ना के उपरांत प्राचार्य एमजी रॉयमन ने अपने स्वागत भाषण में डॉ खूबचंद बघेल के सामाजिक योगदान की विस्तार से चर्चा की और मुख्य वक्ता डॉ. वर्मा की उपलब्धियों का उल्लेख किया।
मुख्य वक्ता डॉ. वर्मा ने डॉ. खूबचंद बघेल के जीवन से जुड़ी घटनाओं का रोचक ढंग से ब्यौरा देते हुए बताया कि जब डॉ. बघेल 12 वर्ष के थे तब उन्होंने ट्रेन से गुजर रहे बाल गंगाधर तिलक को रायपुर रेलवे स्टेशन में देखा और उनसे प्रेरित होकर उन्होंने देश सेवा का प्रण लिया। नागपुर में अपनी पढ़ाई के दौरान डॉ. बघेल स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए। महात्मा गांधी के दो बार के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान डॉ. बघेल के मनमस्तिष्क पर पड़े प्रभाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि तब बापू ने कहा था कि यदि हिन्दू धर्म को जीवित रखना है तो छुआछूत को खत्म करना होगा। इससे प्रेरित होकर डॉ. बघेल ने ना सिर्फ नाटकों का लेखन किया बल्कि समाज में फैली जाति प्रथा ने उन्मूलन के लिए भी खुद पहल की। जिसमें उन्होंने कूर्मि समाज में ही दूसरे फिरके के होने के बावजूद रामचंद्र देशमुख से अपनी बेटी ब्याही। इस तरह समाज में सुधार के लिए उन्होंने अपने घर से पहल कर एक मिसाल कायम की।
जिसके लिए उन्हें सामाजिक बहिष्कार का दंश भी झेलना पड़ा। इसके बावजूद डॉ. बघेल अपने फैसले पर अडिग रहे और साफ कह दिया कि समाज भले ही मुझे छोड़ दे लेकिन मैं समाज को नहीं छोड़ सकता। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन, अस्पृश्यता उन्मूलन, समानता और भाईचारे को बढ़ावा देने और स्वतंत्र भारत में एक सांसद और विधायक के तौर पर डॉ. बघेल की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन (बीएजेएमसी) विभाग की अध्यक्ष डॉ. अपर्णा घोष, संकाय सदस्य डाँ अदिती नामदेव, गावेंद्र देशमुख, छत्तीसगढ़ मनवा कूर्मि क्षत्रिय समाज के पूर्व महामंत्री रामसेवक वर्मा, कॉलेज के विभिन्न विभागों के स्टूडेंट व संकाय सदस्य सहित अनेक लोग उपस्थित थे। समूचे कार्यक्रम का संचालन बीएजेएमसी संकाय सदस्य मुहम्मद जाकिर हुसैन ने किया तथा आभार प्रदर्शन डॉ अदिति नामदेव ने किया।