नेपियर घास, मक्का एवं ज्वार का रोपण कर वर्ष भर चारा की व्यवस्था‘‘

नेपियर घास, मक्का एवं ज्वार का रोपण कर वर्ष भर चारा की व्यवस्था‘‘
देव यादव S S न्यूज़ बेमेतरा
बेमेतरा 27 सितम्बर 2021-छत्तीसगढ़ की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत विकासखण्ड बेमेतरा के स्वीकृत गौठानों में चारागाह का विकास किया जा रहा है। महात्मा गांधी नरेगा एवं पशुधन विकास विभाग द्वारा विकासखण्ड बेमेतरा के 47 गौठानों के चारागाह स्थल में पशुओं के लिए पौष्टिक आहार हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए हाइब्रिड नेपियर घस एवं मक्का ज्वार का रोपण किया गया है। कलेक्टर विलास संदीपन भोस्कर ने सभी स्वीकृत गौठानों में पर्याप्त जगह का चिन्हांकन कर नेपियर घास एवं मक्का ज्वार लगाने के निर्देश दिए थे। जिससे कि पशुधन को साल भर हरा चारा मिलता रहे।
47 गौठानों में चारागाह विकास अंतर्गत हाइब्रिड नेपियर रोपित किया गया है। विकासखण्ड जनपद पंचायत बेमेतरा के 148 एकड़ भूमि में महात्मा गांधी नरेगा एवं पशुधन विकास विभाग के अधिकारी कर्मचारी व गौठान प्रबंधन समिति के माध्यम से स्व सहायता समूह द्वारा हाइब्रिड नेपियर घास का रोपण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। हरा चारा उत्पादन की सतत् निगरानी के लिए प्रत्येक गौठान एवं चारागाह के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया हैं। उन्होंने बताया कि चारागाह के लिए आरक्षित भूमि को स्वीकृति अनुसार तार से फेंसिंग किया जा रहा है ।
चारागाह में नेपियर घास को चारे के रूप में लगाए जाने के बारे में उन्होंने बताया कि नेपियर घास 4-5 वर्षों तक हरा चारा का उत्पादन किया जा सकता है। एक बार घास की कटाई करने के बाद उसकी शाखाएं पुनरू फैलने लगती है और 40 दिन बाद कटाई के लिए पुनः तैयार हो जाता है। इसमें पशुओं के लिए आवश्यक पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि हाईब्रिड नेपियर घास में कू्रड प्रोटीन 8.10 फीसदी, क्रूड रेशा 30 फीसदी कैल्शियम 0.5 फीसदी होता है। इसके अलावा 16.20 फीसदी शुष्क पदार्थ, 60 फीसदी पाचन क्षमता और 3 फीसदी ऑक्सीलेट होता है।
नेपियर घास रोपण कार्य के संबंध में स्व सहायता समूहों व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया साथ ही चारागाह विकास कार्य के संचालन का जिम्मा संबंधित गौठान के गौठान प्रबंधन समिति की निगरानी में स्व सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए स्व सहायता समिति के सदस्यों को चारे के रख रखाव संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है। हरा चारा उत्पादन से होने वाली शुद्ध आय स्व सहायता समूह के सदस्यों की आय होगी। जिले में चारागाह विकास कार्य का संचालन होने से गौठान के पशुओं को हरा चारा उपलब्ध होगा।
ग्राम मजगांव के 2 एकड़ रोपित मक्का/ज्वार को पशुओं के लिए कटाई कर संरक्षित किया जा रहा है। मजगांव स्व सहायता समूहों को चारा कटाई उपरांत संरक्षित रखने प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसमें कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा की विशेष भूमिका रही है।
देव यादव सबका संदेश न्यूज़ रिपोर्टर नवागढ़ बेमेतरा छत्तीसगढ़ 9098647395