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SEBI का नया नियम- जूनियर कर्मचारियों को अपनी सैलरी का इतना हिस्सा म्यूचुअल फंड में निवेश करना होगा SEBI’s new rule- Junior employees will have to invest such a part of their salary in mutual funds

नई दिल्ली . मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड हाउसों ( Mutual fund) के जूनियर कर्मचारियों से जुड़े निवेश के नियम को बदला है. उनके लिए चरणबद्ध तरीके से “स्किन इन द गेम” नियम लागू करने का ऐलान किया है. बदले हुए नियम के तहत इन कर्मचारियों की सैलरी का 10 पर्सेंट अब उस फंड डाउस म्यूचुअल फंड यूनिट में निवेश किया जाएगा.

 

वहीं 1 अक्टूबर 2022 से उनकी सैलरी का 15 पर्सेंट म्यूचुअल फंड यूनिट खरीदने में निवेश किया जाएगा. जबकि 1 अक्टूबर 2023 से सैलरी की 20 प्रतिशत राशि म्यूचुअल फंड यूनिट में निवेश होगी. सेबी ने कहा कि यह “स्किन इन द गेम” नियम 1 अक्टूबर 2022 से लागू होगा.

 

क्या होता है “स्किन इन द गेम” नियम?
“स्किन इन द गेम” उस स्थिति को कहते हैं, जिसमें किसी कंपनी के मालिक या मोटी सैलरी पाने वाले दूसरे कर्मचारी अपनी ही कंपनी के शेयरों को खरीदने लगें. सेबी ने इस नियम के लिए जूनियर एंप्लॉयी की परिभाषा भी बताई है. इसके तहत वे कर्मचारी जिनकी उम्र 35 साल से कम है और जो किसी डिपार्टमेंट को हेड नहीं कर रहे हैं.

 1 अक्टूबर से सैलरी का 20 पर्सेंट निवेश करना होगा
सेबी के इस नियम से फंड हाउस के सीईओ और फंड मैनेजर को भी थऊट नहीं दी है. नियमों के तहत, 1 अक्टूबर 2021 से इन कर्मचारियों की सैलरी का 20 पर्सेंट म्यूचुअल फंड यूनिट में निवेश होगा. साथ ही इस निवेश पर तीन साल का लॉक-इन पीरियड रहेगा.

 

वहीं फंड हाउस के “डेजिग्नेटेड” कर्मचारियों को भी अपनी मौजूदा निवेश को इसमें एडजस्ट करने की सुविधा दी गई है. इस तरह इन कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी पर तो असर नहीं पड़ेगा, लेकिन अक्टूबर 2021 से उनका यह निवेश तीन साल के लिए लॉक हो जाएगा.

 

सेबी ने आठ इकाइयों पर जुर्माना लगाया
सेबी ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लि. के शेयरों में धोखाधड़ी वाले कारोबार के लिए आठ इकाइयों पर जुर्माना लगाया है. ये इकाइयां हैं – एक्यूटी मर्चेंट्स प्राइवेट लि., गोदावरी कमर्शियल सर्विसेज लि., कावेरी गुड्स प्राइवेट लि., इन्वोरेक्स विन्कॉम प्राइवेट लि., कोस्टल फर्टिलाइजर्स लि., आकांक्षा कमोडिटीज प्राइवेट लि., मेसर्स अग्रवाल होल्डिंग्स तथा सुपरडील फिनकॉम प्राइवेट लि.

धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार प्रतिबंध नियमों के उल्लंघन के लिए इन इकाइयों को संयुक्त रूप से 16 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा. सेबी ने यह आदेश अप्रैल-सितंबर, 2017 की अपनी जांच के बाद दिया है. सेबी ने अपने आदेश में कहा कि जांच में यह तथ्य सामने आया है कि एक-दूसरे से जुड़ी ये इकाइयां जांच की अवधि के दौरान ट्रेडिंग कर रही थीं.

 

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