अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन योजना बेमेतरा जिले में पिछले तीन वर्षों में 42 दम्पत्तियों को 89 लाख रूपये की सम्मान एवं पुरस्कार राशि प्रदाय की गई

अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन योजना
बेमेतरा जिले में पिछले तीन वर्षों में 42 दम्पत्तियों को 89 लाख रूपये की सम्मान एवं पुरस्कार राशि प्रदाय की गई
देव यादव S S न्यूज़ बेमेतरा
बेमेतरा 20 सितम्बर 2021-भारत का संविधान देश के सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय दिलाने के साथ उन्हें प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा सभी में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किा गया है। इसी दृष्टि से अस्पृश्यता निर्वारण के तहत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन दिया जाता है। अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत दम्पत्तियों में से लड़का या लड़की किसी एक को अनुसूचित जाति संवर्ग का तथा दूसरे को गैर अनुसूचित संवर्ग का होना चाहिए। इस दृष्टि से इन दम्पत्तियों द्वारा उठाए गए आदर्श कदम के लिए उन्हें शासन द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जाता है। बेमेतरा जिले में पिछले तीन वर्षों में 42 दम्पत्तियों को 89 लाख रूपये की सम्मान एवं पुरस्कार राशि प्रदाय की गई हैं। योजना के तहत दम्पत्तियों को ढाई लाख की राशि प्रदाय की जाती है। इसमें से एक लाख रूपये की राशि दम्पत्तियों के संयुक्त बैंक खाते में एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से जमा कराई जाती है। शेष डेढ़ लाख रूपये की राशि दम्पत्ति के संयुक्त नाम एवं सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास के पदनाम से संयुक्त रूप से राष्ट्रीयकृत बैंक में तीन वर्ष के लिए फिक्स डिपोजिट कराई जाती है ।
योजना के तहत आवेदक या आवेदिका को छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य है। बेमेतरा जिले में वर्ष 2018-19 में अंतर्जातीय विवाह करने वाले 10 दम्पत्तियों को 13 लाख रूपये, वर्ष 2019-20 में 24 दम्पत्तियों को 56 लाख रूपये तथा वर्ष 2020-21 में 8 दम्पत्तियों को 20 लाख रूपये की सम्मान एवं पुरस्कार राशि प्रदाय की गई है। योजना के तहत वर्ष 2019 में संशोधन किया गया है और इसके तहत दम्पत्तियों को मिलने वाली राशि 50 हजार रूपये को बढ़ाकर ढाई लाख रूपये किया गया है। योजना का संचालन राज्य शासन के आदिवासी विकास विभाग द्वारा किया जाता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए ऐसे अंतर्जातीय विवाह करने वाले दम्पत्तियों को विभाग के जिला या विकासखंड कार्यालय में विधिवत प्रपत्र में आवेदन करना होता है। ऐसे विवाह समतामूलक और समरस समाज की स्थापना में प्रभावशाली भूमिका निभाते है।
ज्ञातव्य हो कि समाज में जाति, पाति, ऊंच-नीच के आधार पर अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार को समाप्त करने के उद्देश्य से नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम-1955 में अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का प्रावधान किया गया है। कानून द्वारा विवाह हेतु निर्धारित न्यूनतम आयु प्राप्त अनुसूचित जाति के लड़के अथवा लड़की द्वारा सामान्य वर्ग (संवर्ण) के लड़की अथवा लड़के से विवाह करने पर हितग्राही की पात्रता होगी। योजना के तहत संवर्ण लड़के अथवा लड़की के द्वारा अनुसूचित जाति की लड़की अथवा लड़के से अंतर्जातीय विवाह के साहसिक कार्य हेतु वर्तमान में प्रति जोड़ा ढ़ाई लाख रूपए एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाने का प्रावधान हैै। ज्ञात हो कि प्रदेश के आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत कानून द्वारा विवाह हेतु निर्धारित न्युनतम आयु प्राप्त अनुसूचित जाति के लड़के अथवा लड़की द्वारा सामान्य वर्ग (सवर्ण) के लड़की अथवा लड़के से विवाह करने पर इस योजना का लाभ दिया जाता है।
देव यादव सबका संदेश न्यूज़ रिपोर्टर नवागढ़ बेमेतरा छत्तीसगढ़ 9098647395