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सावधान: धरती पर दूसरे ग्रह से लाए गए सैंपल से बढ़ सकता है वायरस का खतरा! – A sample brought from another planet on Earth may increase the risk of virus | nation – News in Hindi

सावधान: धरती पर दूसरे ग्रह से लाए गए सैंपल से बढ़ सकता है वायरस का खतरा!

नासा जल्दी ही चांद पर एक बेस कैंप बनाने की तैयारी में हैं.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) के वैज्ञानिकों ने तो चेतावनी तक दे दी है कि दूसरे ग्रहों से लाए गए मिट्टी के नमूने पृथ्वी पर किसी नए वायरस (Virus) का खतरा बढ़ सकते हैं.

नई दिल्ली. दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) ने अब वैज्ञानिकों को हर नई खोज पर सोचने पर मजबूर कर दिया है. ऐसे में दूसरे ग्रहों (Planet) पर जीवन की तलाश कर रहे वैज्ञानिक भी अब शोध से पहले सभी तरह की जांच पड़ताल में जुट गए हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) के वैज्ञानिकों ने तो चेतावनी तक दे दी है कि दूसरे ग्रहों से लाए गए मिट्टी के नमूने पृथ्वी पर किसी नए वायरस (Virus) का खतरा बढ़ सकते हैं. वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह से पृथ्वी पर लाए गए नमूनों को लेकर भी चेतावनी दी है.

स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्कॉट हबार्ड ने कहा ​है कि जिस तरह से दुनिया इस वक्त अदृश्य महामारी से लड़ रही है वह आगे भी इसी तरह की अन्य परेशानियों से घिर सकती है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि मंगल ग्रह से लाए गए मिट्टी के नमूने पृथ्वी पर किसी नए खतरनाक वायरस को दावत दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में मंगल ग्रह से लौटते वक्त प्लानैटरी प्रोटेक्शन को ध्यान में रखने की जरूरत है.

स्कॉट हवार्ड ने बताया कि मंगल ग्रह पर चट्टाने जो लाखों साल पुरानी है उनमें मेरी जानकारी के मुताबिक अभी सक्रिय जीवन सूत्र होगा जो पृथ्वी पर आने के बाद तेजी ये वायरस के रूप में फैल सकता है. उन्होंने कहा कि इन सैंपल को भी पृथ्वी पर आने के बाद क्वारंटाइन करने की जरूरत है. इन सैंपल पर तब तक काम नहीं किया जाना चाहिए जब तक की यह साफ नहीं हो जाता कि इनमें इबोला वायरस जैसा कोई खतरा नहीं है.

इसे भी पढ़ें :- कोरोना से निपटने को लेकर ट्रंप पर भड़के ओबामा, लीक ऑडियो कॉल से हुआ खुलासाएक्ट्रोनॉट्स को भी क्वारंटाइन में रखने की जरूरत
उन्होंने कहा कि दूसरे ग्रहों से वापस लौटने वाले एक्ट्रोनॉट्स को भी क्वारंटाइन में रखने की जरूरत है, जैसा कि चांद पर भेजे गए पहले अपोलो मिशन के बाद किया गया था. उन्होंने कहा कि मिशन पर गए रॉकेट्स और तमाम उपकरणों को कैमिकल क्लीनिंग प्रोसेस में रखा जाना चाहिए. गौरतलब है कि नासा साल 2024 तक चांद और 2030 तक मंगल पर मिशन की तैयारी की है.

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