छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

तीन दिन से हो रही तेज बारिश से जर्जर फोरलेन का हाल हुआ और अधिक बेहाल: Due to the heavy rain for three days, the condition of the dilapidated fourlane became more miserable.

-पिछले साठ सालों में पहली बार हुई इस रोड की इतनी अधिक दुर्गति
-लोगों के सेहत पर पड़ रहा है बूरा प्रभाव,कमर दर्द सहित अन्य बिमारियों के हो रहे अधिकांश लोग शिकार

भिलाई। पिछले तीन दिन से रह रहकर हो रही तेज बारिश  के कारण पहले से जर्जर फोरलेन सड़क का हाल और अधिक बेहाल हो गया है। पिछले 6 दशकों में पहली बार इस रोड की इतनी अधिक दुर्गति हुई है।  फ्लाईओवर निर्माण के कारण एक तो पहले से ही इस रोड की स्थिति एकदम जर्जर और खरतरनाक हो गई है रहा सहा कसर तीन दिनो से हो रही तेज बारिश ने कर दिया। जगह जगह बेतहाशा बडे और छोटे गड्डों के में पानी भरने के कारण  इस रोड में आवागमन करने वालों को एकदम बेहाल कर दिया है। बडे बडे गड्डों के कारण इसका सीधा असर लोगों के सेहत पर पड़ रहा है, इसके कारण सबसे अधिक कमर दर्द और अन्य बीमारियों के शिकार हो रहे है। फ्लाई ओवर बनने के कारण और अधिक लोवाले दायरे में कुछ स्थानों पर सड़क अपने अस्तित्व को खो चुकी है। इसके कारण दुर्घटना की संभावना पहले से ज्यादा बढ़ गई है। नगर के उम्रदराज लोगों का इस मामले में कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग की ऐसी बुरी स्थिति उन्हें अपने जीवन काल में पहली दफे देखने को मिल रहा है।
दुर्ग भिलाई से रायपुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिन चार स्थानों पर फ्लाईओवर निर्माण चल रहा है वहां सड़क की दशा और दिशा बहुत ही अधिक बिगड़ चुकी है।् पिछले तीन चार दिन से रुक रुककर हो रही तेज बारिश ने पहले से जर्जर फोरलेन सड़क पर कहर बरपाने का काम किया है। आलम यह है कि कई जगह पर सड़क अपना अस्तित्व खो चुकी है।

खुर्सीपार के अग्रसेन द्वार से लेकर डबरा पारा तिराहे तक का दायरा ऐसे जगह में सुमार हो गया है जहां सड़क के नाम पर कुछ भी नही बचा। गड्ढों को भरने डाले गए स्लेब लगातार बारिश की वजह से धुल गए हैं। कुछ दिन पहले तक छोटे स्वरूप में रहे गड्ढे बारिश की वजह से बड़े होकर खतरनाक बन गए हैं। बारिश के पानी में धुली स्लेब के सीमेंट धूल और मिट्टी के साथ मिलकर कीचड़ पैदा कर रहे हैं। इससे दुपहिया वाहन चालक फिसलकर गिरने से घायल हो रहे हैं। कुछ घंटे की लगातार बारिश होने पर रायपुर से दूर्ग की दिशा में डबरा पारा तिराहा से लेकर खुर्सीपार के मंगल भवन तक घुटने से ऊपर बहते पानी में सड़क विलुप्त सा हो जाता है। ऐसे समय में वाहन चालक अनुमान लगाते हुए गुजरते हैं।

इस तरह के हालात कुम्हारी सहित फ्लाईओवर निर्माण वाले पावरहाउस चौक तथा आगे साक्षरता चौक से सुपेला के घड़ी चौक तक बनी हुई है। कुम्हारी में फ्लाईओवर निर्माण वाले दायरे के दोनों ओर की जर्जर सड़क को स्लेब डालकर मरम्मत किया गया है। चालू सड़क पर यह कार्य किए जाने का कोई सार्थक परिणाम नजर नहीं आ रहा है। स्लेब डालकर गड्ढे भरने के थोड़ी देर बाद भारी वाहन गुजरने और बीच बीच में बारिश की बौछारें पडऩे से गिट्टी से सीमेंट अलग होकर नई समस्या को जन्म दे रही है। मंगलवार को दोपहर के वक्त कुम्हारी में स्लेब डालकर गड्ढों को भरा गया।् इस दौरान रायपुर से दुर्ग की ओर आने वाले वाहनों को रोक दिए जाने से घंटों तक सड़क जाम रहीण् शाम के बाद रात भर रुक रुककर बारिश होने से सड़क पर पहले से भी बड़े बड़े गड्ढे नजर आ रहे हैं।

फोरलेन की मौजूदा हालत को देख भिलाई दुर्ग के पुराने बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन काल में राष्ट्रीय राजमार्ग की ऐसी बुरी दशा कभी देखी नहीं। फोरलेन बनने से पहले यह सड़क कम चौड़ाई और डबल वे वाली थी। समय समय पर मरम्मत और नवीनीकरण होने से सड़क में कभी कभार गड्ढे नजर आते थे। ऐसे गड्ढों की आसानी से गिनती हो सकती थी। लेकिन अभी जो स्थित है उससे सड़क में गड्ढों को गिनना बहुत ही मुश्किल है। राष्ट्रीय राजमार्ग की ऐसी तस्वीर भी कभी दिखाई पड़ेगी इस बात की कल्पना तक नहीं थी।

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