छत्तीसगढ़

हिंदी दिवस पर शासकीय नवीन महाविद्यालय बेरला में “संगोष्ठी” का आयोजन

छत्तीसगढ़ :- ‘ निज भाषा उन्नति अहे,सब उन्नति को मूल’
वर्ष 1949 में हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ और तब से हिंदी हमारी राजभाषा है। 14 सितंबर को बेमेतरा जिला के बेरला विकास खंड स्थित शासकीय नवीन महाविद्यालय बेरला में हिंदी दिवस के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का कार्यक्रम ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यम से सम्पन्न हुआ ।
कार्यक्रम में अतिथि वक्ता के रूप में शासकीय महाविद्यालय उतई की प्राध्यापक डॉ. श्रीमती रीता गुप्ता जी ने संस्कृति में भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए मातृभाषा हिंदी के कुछ अनछुए पहलू पर प्रकाश डाला
कार्यक्रम की संयोजक डॉ श्रीमती आस्था तिवारी ने वर्तमान परिदृश्य में हिंदी की दशा और दिशा पर अपने विचार रखते हुए बताया कि भारत दुनिया में सबसे विविध संस्कृतियों वाला देश है।हिंदी ने हमारे देश को एक सूत्र में बांध कर रखा है। भारत में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा हिंदी भाषा बोली, लिखी व पढ़ी जाती है।
कार्यक्रम में प्राध्यापकगण श्रीमती निवेदिता मुखर्जी ने विभिन्न क्षेत्रों में हिंदी का महत्व, श्री जी एस भारद्वाज ने अन्य भाषा सीखने में मातृभाषा का योगदान व महत्व,श्रीमती ज्योति मिश्रा ने हिंदी में होने वाली अशुद्धियों व श्री आनंद कुमार कुर्रे जी ने कहानी के माध्यम से हिंदी के महत्व पर अपने विचार रखें ।
महाविद्यालय के छात्र ईश्वर निषाद व ताकेश्वर साहू ने स्वरचित कविता का पाठ किया साथ ही अन्य छात्र-छात्राओं ने कबीर के दोहे रहीम के दोहे व खुसरो की पहेलियां की संगीतमय प्रस्तुति से सबको प्रभावित किया।

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