*बरसात में मटेरियल की किल्लत एवं बढ़ती महंगाई से पीएम आवास बनाना हुआ मुश्किल, नगरीय निकायों के हितग्राही हो रहे परेशान*
*(योजना के तहत ग्रामीणों इलाकों में पीएम आवास की देरी से हितग्राही मायुष)*
*बेमेतरा:-* नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्रालय की ओर से जिलेभर के समस्त नगरीय इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत हितग्राहियों के रहवासी मकान निर्माण के लिए शासन-प्रशासन की ओर से सूची के साथ आदेश जारी हो गयी है।लेकिन इसी बीच हितग्राहियों के लिए एक बड़ी समस्या व चुनौती सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक पीएम योजना से लाभान्वित हितग्राहियों को अपने लिए मकान बनाने में बरसात होने के कारण बिल्ड मटेरियल की कमी से जूझना पड़ रहा है। वही बढ़ती महंगाई भी हितग्राहियों को निर्माण के लिए सोचने पर विवश कर रहा है। जबकि इस सम्बंध में शासन-प्रशासन द्वारा समस्त नगरीय इलाकों के योजना अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों को अपने आवास बनाने के लिए लिस्ट के साथ अनुमति भी मिल गयी है। जिसके बावजूद अब उन्हें बरसात के थमने एवं महँगाई के कम का होने बेसब्री से इंतज़ार है। हितग्राहियों से बात करने पर पता चलता है कि उनके लिए सबसे बड़ा मुसीबत आवास के अनुमति के बाद मटेरियलों की बढ़ती कीमत एवं किल्लत से परेशानी गयी है। जिसमे मकान बनाने के लिए योजनान्तर्गत प्रदान की जाने वाली राशि का अधिकांश हिस्सा बिल्ड मटेरियल खरीदने पर खर्च हो रहा है। चूंकि बरसात का सीजन होने के चलते रेत, मुरम एवं ईट की भारी मांग होने पर आपूर्ति प्रभावित हो रही है। जिसके चलते अब योजना के हितग्राही शासन-प्रशासन से राहत की उम्मीद कर रहे है। जिसमे वे शासन-प्रशासन से अनेकों फरियाद लगा रहे है। जबकि ज़िलेभर के सभी नगरीय निकायों में ऐसे हज़ारो हितग्राही जो जल्द अनुमति के इंतज़ार में प्रतीक्षारत है। जबकि सभी नगरीय इलाको में दर्जनों ऐसे हितग्राही महंगाई एवं बरसात की चिंता छोड़कर अपने लिए आवास बनाने में जुट गए है। वही अगर बात पीएम आवास योजना के तहत ग्रामीण स्तर पर की जाए तो वर्तमान में शासन-प्रशासन द्वारा ज़िले सहित प्रदेशभर के ग्रामीण पंचायत क्षेत्र के लाभान्वित हितग्राहियों की सूची व निर्माण कार्य कारणवश रोक दिए जाने की सूचना है, जिसे जल्द शुरू होने की बात सामने आ रही है।लिहाजा ग्राम पंचायत स्तर के इलाकों में योजना की देरी से ग्रामीणों में काफी मायुसी के साथ असन्तोष व नकारात्मक शासन-प्रशासन के प्रति बढ़ रही है।