बढ़ा मौसमी बिमारियों का प्रकोप,सरकारी और निजी हॉस्पिटलों में लग रही है मरीजों की कतार:

-तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव से सर्दी-जुकाम, बुखार, गले में जकडऩ के साथ बदन दर्द से ग्रसित हो रहे हैं लोगों
भिलाई। तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव के कारण मौसमी बिमारियों के प्रकोप से लोग लगातार ग्रसित हो रहे हैं।
लोग रूक रूक कर हो रही बारिश और तेज धूप के कारण लोग सर्दी-जुकाम, बुखार, गले में जकडऩ के साथ बदन दर्द से ग्रसित हो रहे हैं। पखवाड़े भर से मरीजों की संख्या इतनी बढ गई है कि सरकारी और निजी हॉस्पिटलों में लंबी लंबी कतारे लग रही है। कोरोना काल में जहां अस्पतालों में सामान्य बीमारी वाले100 मरीज भी नहीं पहुंच रहे थे। वहीं अब यहां मरीजों की संख्या 1000 के पार हो गई है। चिकित्सकों की मानें तो पल-पल बदलते मौसम में होने वाली इस बीमारी का प्रकोप सामान्यत पांच से सात दिन रहता है। इसमें लक्षणों पर आधारित इलाज किया जाता है। थोड़ी सावधानी बरती जाए तो इन बीमारियों की गिरफ्त में आने से बचा जा सकता है।
चिकित्सकों की मानें तो मौसम के चाल से लोगों का हाल बेहाल है। सर्दी-जुखाम, फीवर, गला जकडऩ के साथ बदन दर्द से ग्रसित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हॉस्पिटल में बच्चों से लेकर बड़े तक मौसमी बीमारियों की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। दुर्ग जिला अस्पताल और सुपेला के शास्त्री अस्पताल सहित शहरी क्षेत्र के अन्य सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रतिदिन जीवन दीप समिति के माध्यम से कट रही ओपीडी की पर्ची से इस बात का साफ पता चल रहा है।
बच्चों में बढ़ रहा है वायरल का प्रकोप
जिले में वायरल फीवर का प्रकोप बड़ों के साथ बच्चों में बढ़ता ही जा रहा है। अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे कुल बीमार बच्चों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा वायरल के मरीज निकल रहे हैं। पिछले कईं दिनों से खंड वर्षा हो रही। भिलाई-3 और सुपेला में अच्छी खासी धूप खिली रहती है और उसी समय बीच के पावरहाउस क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हो रही होती है। इस दौरान दुपहिया वाहन से आने जाने वाले लोगों को मौसम के उतार चढ़ाव का सामना करना पडऩे से स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। तीजा मनाने कईं महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ मायके जाकर लौट रही हैं। इस दौरान खंड वर्षा के चलते भीग जाने से बच्चे बीमार हो रहें हैं।
कोरोना नहीं, वायरल फीवर
डॉक्टर्स की मानें तो कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार अब थम चुकी है। ऐसे में जो भी पेशेंट आ रहे हैं। उनमें मौसमी बीमारी का असर दिख रहा है। इसमें भी ज्यादातर लोग सर्दी, जुकाम और बदन दर्द से पीडि़त होकर जांच के लिए आ रहे हैं। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं, उनके कोविड टेस्ट भी कराए जा रहे हैं। ऐसे मरीजों को यही सलाह दी जा रही है कि वे ठंडे गर्म के फर्क को समझकर खुद का बचाव करें। बारिश से बचे और तेज धूप में न निकलें।