अनियंत्रित तेज रफ्तार हाईवा ने फिर ली तीन लोगों की जान: Uncontrolled high speed highway again took the lives of three people
ट्राफिक पुलिस शहर में चल रही भारी वाहनों पर लगाम लगाने में असफल
सिर्फ दो पहिया वाहनों के चालान काटने में रहती है मशगूल
भिलाई । तेज रफ्तार हाईवा वाहन ने आज दोपहर 1 बजे फिर चार लोगों को रौंद दिया जिसके कारण कर तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक दो साल की बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसे के बाद चालक डंपर छोड़कर भाग निकला। बताया जा रहा है कि आर्य नगर कोहका निवासी अपनी तीजा के त्यौहार के लिए अपनी पत्नी और बच्चों को उसके मायके छोडऩे बाईक से बेमेतरा जा रहा था लेकिन नवातरिया खेदामारा चौक के पास ही तेज र$फ्तार आ रही हाईवा ने सामने से ठोकर मारकर तीन लोगों की जान लेकर उनके त्यौहार को मातम में बदल दिया। ये पहली बार नही है जब हाईवा या भारी वाहनों से लोगों की जान गई।
जिले में कोहका, कुरूद्ध रोड, नंदिनी-अहिवारा रोड, अंडा, उतई, पाटन सहित अब तक ऐसे वाहनों से अनगिनत लोगों की पिछले कई सालों से जान चली गई। इसके बाद भी इससे जिले के ट्राफिक पुलिस को कोई लेना देना नही है, चाहे भले लोगों की जान जाये। शहर में बेलगाम तेज रफ्तार दौड़ रही हाईवा लोगों के लिए यमदूत साबित हो रही है। जिले के ट्राफिक पुलिस केवल दो पहिया वाहनों का चालान काटने तक ही अपने आपको सीमित रखती है। आज तक कभी यह नही दिखता कि ट्राफिक पुलिस ने कभी तेज रफ्तार दौड़ रही किसी हाईवा या भारी वाहनों पर कार्यवाही की है। ट्राफिक पुलिस के जीतने भी नियम कानून है वह सभी केवल दो पहिया और गरीबों के लिए ही है। कभी किसी बडे वाहनों या रसूखदारों पर कार्यवाही नही की जाती। जिले के आरटीओ या ट्राफिक पुलिस कभी यह चेकिंग नही करती है कि हाईवा सहित बड़े वाहनों में स्पीड गर्वनर लगी है या नही।
जबकि सभी चार पहिया या उससे अधिक बडे वाहनों में स्पीड गर्वनर लगाना अनिवार्य है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ट्राफिक विभाग को हाईवा एवं शहर में बड़े भारी वाहन जो नियमित रूप से मूरम,ईंट, गिट्टी, रेती सहित अन्य सामानों की ढुलाई करने वालों से हर महिना सेवा शुल्क पहुंच जाता है। इसलिए इनपर कभी कोई कार्यवाही नही की जाती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भिलाई के कोहका में आर्यनगर निवासी अनिल सिन्हा (33), अपनी पत्नी भारती सिन्हा (30), बेटे आयुष (6) और 2 साल की बेटी मिष्ठी के साथ बुधवार को बाइक से बेमेतरा जा रहे थे। दोपहर करीब 1 बजे अभी वे नवातरिया, खेदामारा तिराहे के पास पहुंचे थे कि सामने से आ रहे डंपर ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि बाइक सवार चारों लोग उछल कर सड़क पर जा गिरे और डंपर के नीचे आ गए। जिसके कारण अनिल, उनकी पत्नी भारती और बेटे आयुष की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो साल की मिष्ठी गंभीर रूप से घायल हो गई। सूचना मिलते ही सीएसपी छावनी विश्वास चंद्राकर सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। उन सभी के शवों को मोच्र्यूरी में भिजवाया और घायल बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया है।
लोगों की जान की नही बल्कि अधिक से अधिक ट्रिप को महत्व देते है हाइवा चालक
हाईवा के चालकों के आगे लोगों की जान की कोई परवाह नही बल्कि परवाह रहती है तो केवल उनको अधिक से अधिक ट्रिप मारने की। क्योंकि सुप्र्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मुरम खुदाई पर प्रतिबंध के बावजूद लगातार मुरम खुदाई हो रही है, वहीं रेत भी नदियों से निकाल कर उसका भी परिवहन धड़ल्ले से जारी रहता है। जितना ट्रिप हाईवा मारते है उतना ही अधिक उनका किराया मिलता है। इसके चक्कर में और रायल्टी चोरी के चक्कर में अधिक से अधिक ट्रिप मारने के कारण हाईवा या भारी वाहनधारी धड़ल्ले से तेज गति से वाहन चलाते है, लोगों की जान जाये तो जाये इनको कोई मतलब नही क्योंकि इनको पता है हमारे हाइवा मालिक रसूखदार और प्रशासन मे ऊंची पकड़ रखने वाले है, कुछ नही होगा। इसलिए मारते है अधिक ट्रिप
हाईवा चालक एवं भारी वाहनधारी रायल्टी चोरी के लिए अत्यधिक तेज गति से वाहन चलाकर ट्रिप मारते हैँ। खनिज ठेकेदार मुरम, रेत सहित अन्य खनिज सामग्रियों को परिवहन के लिए खनिज विभाग से पर्ची काट कर दी जाती है। हाईवा चालकों या खनिज परिवहन वाले वाहनों के पास एक ही पर्ची रहती है जिसमें दिनांक और समय छोड़कर सभी चीजों भरी रहती है। जब कभी जांच हो जाती है या एक्सिडेंट होता है तो तुरंत इन वाहनों के चालक दिनांक और समय डाल देते है नही तो केवल उस एक पर्ची के बल पर दिन में 10-12 ट्रिप मुरम, रेत सहित अन्य खनिज सामग्रियों का परिवहन करते है।