मानवता शर्मसार: काम के बदले आधा पेट खाना, गलती पर बेल्ट से पिटाई, गर्म चिमटे से दागता था मासूम को क्चस्क्क कर्मी

भिलाई। सेक्टर-5 के प्राथमिक स्कूल में पढऩे वाली 9 वर्षीय बालिका के चेहरे पर चिमटे से जलाने के दाग देख हर कोई सिहर गया। जब मासूम ने चाइल्डलाइन को बताया कि दिनभर घर में काम करने के बदले उसे आधा पेट ही भोजन दिया जाता था, तो वहां खड़े लोग उसके बहते आंसू के साथ उसके दर्द को महसूस कर पा रहे थे। स्कूल में दोपहर को तो मध्यान्ह भोजन की वजह से वह भरपेट खा भी लेती थी, लेकिन रात को कई बार उसे भूखे पेट ही सोना पड़ा । दो साल से वह सारी प्रताडऩा झेल रही थी, क्योंकि उसके दर्द को सुनने और समझने वाला कोई नहीं था। उसके गरीब माता-पिता ने एक ऐसे परिवार को उसे सौंप दिया था जिन्होंने उसे पढ़ाने के साथ ही घर के एक सदस्य की तरह रखने का झूठा वादा किया था। कक्षा तीसरी में पढऩे वाली इस मासूम को मंगलवार की दोपहर चाइल्ड लाइन की टीम ने रेस्क्यू किया । चाइल्डलाइन को दो दिन से एक लडक़ी फोन कर इस मासूम की हालत बता रही थी । टीम को दो दिन के प्रयास के बाद सफलता मिली। पूछताछ के दौरान यह बच्ची अपने गांव का नाम भी नहीं बता पा रही। उसे सिर्फ इतना पता है कि बिलासपुर के पास कहीं उसका घर है। उसने यह भी बताया कि उसकी बड़ी बहन को भी माता-पिता ने किसी के घर भेज दिया है। वह दो साल से अपने घर भी नहीं गई। टीम ने रेस्क्यू किया तो उसके चेहरे पर जलने के निशान थे। पूछने पर पीडि़त बालिका ने बताया कि घर के काम में कोई गलती होने पर घर के लोग उसे बेल्ट से मारते थे और कई बार उसे चिमटे से भी जलाया। झाडू-पोंछा, बर्तन के अलावा उसे खाना बनाने को भी कहा जाता था। चाइल्ड लाइन की भारती बिसेन ने बताया कि इस लडक़ी को उनकी टीम ने स्कूल से रेस्क्यू किया। भारती ने बताया कि यह लडक़ी दो साल से यहां रह रही थी। चाइल्ड लाइन की भारती ने बताया कि बच्ची के बारे में शिकायत मिलते ही वह अपनी टीम के चंद्रप्रकाश, ललिता पानिकर, महिला एवं बाल विकास विभाग की सीता कन्नौजे एवं सीमा यादव व अन्य सदस्यों के साथ सडक़ 28 स्थित एक बिल्डिंग में पहुंची जो काफी जर्जर हो चुकी थी। निशानदेही के आधार पर उन्होंने उस घर का दरवाजा काफी खटखटाया पर किसी ने नहीं खोला। फिर उन्हें पता चला कि वह बच्ची स्कूल जाती है तो उन्होंने मंगलवार को उसे स्कूल से रेस्क्यू किया। सदस्य सीडब्ल्यूसी दुर्ग विजितार्थ श्रीवास्तव ने बताया कि चाइल्ड लाइन ने बच्ची को पेश किया था, लेकिन सीडब्लूसी की महिला सदस्य उपस्थित नहीं थी, जिसकी वजह से आज बयान नहीं हो पाया है। बुधवार को इसका बयान लिया जाएगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।