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हाईकमान से मिले दायित्वों को ईमानदारी से निर्वहन का करता हूं कार्य- ताम्रध्वज साहू

मैंने कभी किसी पद की लालसा नही की

भिलाई। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होने और कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री पद के दौड़ में तीन दावेदारों में शामिल रहे ताम्रध्वज साहू ने हाईकमान को सीएम चुनाव में संकट से बचाने के लिए मुख्यमंत्री के पद पर चयन के लिए अपना नाम वापस ले लिया। उक्त बातें सांसद एवं छत्तीसगढ़ शासन के नवनियुक्त केबिनेट मंत्री ताम्रध्वज साहू ने एक समाचार पत्र को दिये एक साक्षात्कार में कही। इस दौरान श्री साहू ने कांग्रेस हाईकमान को कथित इस्तीफे की धमकी को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मैं भी अपनी जिद पर अड़ा रहता तो पार्टी हाईकमान किसी एक व्यक्ति पर निर्णय लेने के लिए धर्मसंकट में पड़ जाता। इसलिए सीएम के पद की दावेदारी से अपना नाम वापस ले लिया। जिससे हाईकमान को निर्णय लेने में आसानी हुई।

ताम्रध्वज साहू पत्रिका भिलाई कार्यालय पहुंचे

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की भारी बहुमत से जीत के बाद से आखिरी समय तक मुख्यमंत्री पद के तीन दावेदारों में से ताम्रध्वज साहू अब कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए भूपेश बघेल ने कई कार्य किए। जिसके कारण विधानसभा चुुनाव में एक वेग बना और परिणाम आया। इस दौरान अचानक दुर्ग ग्रामीण से चुनाव लडऩे  के विषय में बताया कि मैं चुनाव लडऩे के बारे में नही सोचा था लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर चुनाव लड़ा। वैसे भी जब जब मुझे कांग्रेस हाईकमान या प्रदेश संगठन द्वारा जो जो जिम्मेदारी दी गई तब तब मेंै उसको पूरी ईमानदारी से निर्वहन करने का प्रयास करता रहा हूं। मैं कभी किसी पद की लालसा नही किया। बस संगठन द्वारा मिले दायित्वकों को पूरा करने का काम करता रहा हूं और आगे बढ़ता रहा हूं। अब मैँ लोकसभा चुनाव लडऩे की बजाय प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार करने का कार्य करूंगा। अभी मुझे लोकसभा के लिए घोषणा पत्र तैयार कराने का जिम्मा सौंपा गया है। आप देखिएगा, जैसे कांग्रेस के घोषणा पत्र ने विधानसभा चुनाव की हवा बदल दी, वैसे ही लोकसभा चुनाव का घोषणा पत्र काम करेगा।

श्री साहू ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ करने का पहला वादा कैबिनेट की पहली बैठक में ही पूरा कर दिया। कर्ज से परेशान किसान लगातार प्रदेश में आत्महत्या कर रहे थे। कर्जमाफी के लिए हम लोगों ने पहले से ही 10 हजार करोड़ कैसे आएगा इस मंथन कर चुके हैं। कर्ज माफी के साथ बजट को संतुलित कैसे किया जाए इसके लिए अधिकारियों से चर्चा भी की गई है। राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी का स्पष्ट निर्देश हैं कि जन भावनाओं के अनुरूप घोषणाओं को पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री का रुख भी साफ है। सभी वादों को पूरा करने के तरीके और समय पर कैबिनेट में चर्चा कर किया जायेगा।

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