युकां राष्ट्रीय सचिव मो शाहिद और जुल्फी को कोर्ट से राहत ….. अग्रिम जमानत देते कोर्ट ने कहा शिकायतकर्ता के पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं जो नौकरी के नाम से पैसे लेन-देन को साबित करें
भिलाई। मो शाहिद और जुल्फिकार सिद्धिक्की के खिलाफ शिकायकर्ता के पास ऐसा कोई दस्तावेज और रिकॉर्ड नहीं है जो ये साबित करें कि नौकरी के नाम पर पैसे का लेन-देन को दर्शाता हो। इसलिए अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाता है। ये कमेंट बिलासपुर हाईकोर्ट के जस्टिस प्रीतम साहू का है। जस्टिस प्रीतम अग्रिम जमानत को लेकर सुनवाई कर रहे थे।
कोर्ट ने कहा है कि शिकायतकर्ता के पास से ऐसे कोई दस्तावेज व रिकॉर्ड नही प्राप्त हुए है जो नौकरी के नाम से पैसे के लेने देने को दर्शाता हो इसलिए इन्हें अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाता है। कोर्ट के इस कमेंट से ये स्पष्ट है कि मो शाहिद और जुल्फिकार के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत शिकायकर्ता के पास नहीं है। जिसे आधार मानते हुए हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत दी है। आपको बता दें कि, मो. शाहिद और जुल्फिकार पर आरोप लगाते हुए खुर्सीपार के रहने वाले दो युवकों ने थाने में शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद बिना शाहिद और जुल्फिकार का पक्ष लिए ही पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली। यही नहीं, पुलिस के पास भी पुख्ता सबूत नहीं थे, बावजूद अपराध पंजीबद्ध किया गया। अब ये सारी बातें कोर्ट में साबित भी हो गई। मो. शाहिद और जुल्फिकार को इस अग्रिम जमानत के आधार पर बड़ी राहत मिल गई है। वहीं हाईकोर्ट के जस्टिस के कमेंट ने भी बहुत कुछ क्लियर कर दिया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने दोनों पक्षो के वकीलों की बात सुनने के बात किसी प्रकार के दस्तावेज व रिकॉर्ड न मिलने पर शाहिद को व जुल्फिकार को अग्रिम जमानत दिया है।
राजनीतिक षड्यंत्र हुई मेरे साथ, न्याय पर पूरा भरोसा है- शाहिद
अग्रिम जमानत मिलने के बाद मो. शाहिद ने बताया कि मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है। मुझे न्याय मिलेगा। मैंने पहले भी कहा था और अब भी कह रहा हूं कि मुझे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाने की कोशिश की गई है। मेरी राजनीतिक हत्या करने का प्रयास किया गया है। मैं कल भी काँग्रेस पार्टी के माध्यम से लोगों की सेवा कर रहा था। आगे भी निरंतर लोगो की सेवा करता रहूंगा।