तालाब में अपना रहे रेन वाटर हार्वेस्टिंग, आसपास के जलस्तर में नहीं होगी कमी
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भिलाई। महापौर एवं विधायक भिलाई नगर देवेंद्र यादव ने जल संरक्षण एवं संचयन के लिए, तालाबों के घटते जलस्तर एवं वाटर हार्वेस्टिंग करने की अनिवार्यता को देखते हुए वर्षा जल संचयन तथा संरक्षण की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए हैं! जिसके लिए कई बार निगम सभागार एवं अन्य स्थानों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए मंथन कर विचार-विमर्श भी किया गया है, जिसमें विभिन्न संगठन, समूह, व्यक्ति, आम नागरिक, प्रबुद्ध जन, उद्योगपति, महिला संगठन आदि को खुला विचार रखने एवं जनभागीदारी को सम्मिलित करते हुए से कार्य हेतु आमंत्रित किया गया था!
निगम के विभिन्न तालाबों में रूआबांधा डबरी, गोकुल नगर तालाब, वैकुंठ नगर तालाब, पुरैना तालाब, खमरिया आला बंद तालाब, खमरिया शीतला तालाब, कोहका शीतला तालाब, कुरूद भेलवा तालाब, दर्री छावनी तालाब, बापू नगर कैंप 2 तालाब, नेवई तालाब, रिसाली क्षेत्र शीतला तालाब आदि मे वाटर हार्वेस्टिंग विकसित करने के निर्देश आयुक्त द्वारा दिए गए हैं! जिन तालाबों में पानी की कमी होती है ऐसे तालाबों को विशेषकर चिन्हाकित कर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम डेवलपमेंट करने कहा गया है ताकि तालाबों में पानी भरा रहे एवं आसपास के क्षेत्र के जलस्तर में गिरावट न हो, पहली बार निगम क्षेत्र में ऐसा हो रहा है कि तालाबों में भी वाटर हार्वेस्टिंग को अपनाया जा रहा है!
श्री सुंदरानी ने बताया कि वाटर हार्वेस्टिंग बनाने का कार्य निश्चित रूप से वर्षा जल को भूगर्भ मैं पहुंचाने का कार्य करती है तथा यह आज की तिथि में अत्यंत आवश्यक है, पहले बोर का पानी बहुत ही कम लगभग 60 फीट तक मिल जाता था परंतु अब इससे अधिक फीट में भी पानी प्राप्त नहीं होता है जिससे घटते जलस्तर से इंकार नहीं किया जा सकता! इन सब का एक ही उपाय है जल का संरक्षण एवं संचयन करना जिसे हाइड्रोलॉजिकल फार्मेशन एवं मृदा कण की भौगोलिक स्थिति के अनुसार भूगर्भ में पहुंचाने का कार्य किया जा सकता है तभी वाटर हार्वेस्टिंग का सदुपयोग होगा व जल स्तर बना रहेगा!