देवेन्द्र समर्थक एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस ने गजभिये को दिया अपना समर्थन कहा शंकरा विद्यालय एक सप्ताह में बच्चों को रिप्रवेश नही दिया तो होगा आंदोलन
मामले को साल्व करने के बजाय शिक्षा विभाग के अधिकारी ने उल्टा आंदोलनकर्ता को ही कहा तंबू हटाये नही तो जाना पड़ेगा जेल
देवेन्द्र समर्थक एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस ने गजभिये को दिया अपना समर्थन
कहा शंकरा विद्यालय एक सप्ताह में बच्चों को रिप्रवेश नही दिया तो होगा आंदोलन
मामले को साल्व करने के बजाय शिक्षा विभाग के अधिकारी ने उल्टा आंदोलनकर्ता को ही कहा तंबू हटाये नही तो जाना पड़ेगा जेल
थ कांग्रेस जिलाध्यक्ष अंकुश पिल्ले, शेख नौशाद, गुरलीन सिंह, आकाश यादव, संभू झा, राहुल मिश्रा, गुरूमुख सिंह, मनीष शर्मा, अमन सोनी, करण, प्रशांत राव, अर्श एवं बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद था।
एनएसयूआई एवं यूथ कांग्रेस के साथ ही अन्य सामाजिक और राजनैतिक एवं अन्य संगठन के लोग भी पंडाल स्थल पर पभिलाई। शंकरा विद्यालय सेक्टर दस में पिछले कई दिनों से सामाजिक कार्यकर्ता सोनिया गजभिये द्वारा किये जा रहे अनशन को समर्थन देने आज महापौर एवं विधायक देवेन्द्र यादव के समर्थक एनएसयूआई के एक दर्जन से अधिक पदाधिकारियों ने शंकरा स्कूल पहुंच कर 16 छात्र-छात्राओं को टीसी दिये जाने के मामले में जिलाधीश एवं शंकरा विद्यालय प्रबंधन को ज्ञापन सौँपकर एक सप्ताह में इस मामले को पटाक्षेप करने कहा है और उन्होनें आगे कहा है कि यदि एक सप्ताह में बच्चों को रिप्रवेश नही दिये जाने पर एनएसयूआई भी आमरण अनशन करने बाध्य होगा। एनएसयूआई के लोगों ने जब शंकरा विद्यालय द्वारा छात्रों को टीसी दिये जाने का कारण पूछा तो प्रबंधन ने पर्सनल रिजल बताया। एनएसयूआई एवं यूथ कांग्रेस पिछले कई दिनों से लगातार अपना समर्थन दे रही है। ज्ञापन सौंपने वालों में यूहुंच कर अपना समर्थन दे रहे हैं। इस पूरे मामले में मजेदार तथ्य यह है कि शिक्षा विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी ने आमरण अनशन कर रही श्रीमती गजभिये को ही उल्टा ये कहते हुए कि आप अपना तंबू स्कूल के सामने से हटा ले तो हम आपकी समस्या हल करेंगे वरना आपको जेल की हवा खानी पड़ेगी। उक्त बाते आंदोनकर्ता श्रीमती सोनिया गजभिये ने हमारे प्रतिनिधि को बताई। इस मामले में श्रीमती गजभिये ने कहा है कि उनकी लड़ाई राज्य सरकार से नही है, सिर्फ और सिर्फ स्कूल प्रबंधन एवं जिला शिक्षा विभाग से है। पूर्व में रही भाजपा की सरकार 15 वर्षों तक रही लेकिन निजी स्कूलों पर किसी भी प्रकार की कसावट नही कर पाई, उसी का नतीजा है कि स्कूल लगातार पालकों और छात्रों पर हावी होते जा रहे हैं। कांग्रेस की सरकार प्रदेश में बने अभी छ: माह ही हुए है, आवश्यकता पड़ी तो मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से भी संपर्क साधते हुए बच्चों के मामले में अपना आंदोलन तब तक जारी रखेगी जब तक उनको न्याय नही मिल जाता। 12 जुलाई को एनएसयूआई एवं यूथ कांग्रेस एवं हम सभी लोग मिलकर बड़ा प्रदर्शन स्कूल के सामने करेंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन एवं स्कूल प्रबंधन तथा शिक्षा विभाग की होगी।