छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

भिलाई इस्पात संयंत्र में बिना परमिट के चलने वाली गाडिय़ों को मेन गेट पर आरटीओ ने छापा मारकर अधिकारियों का 12 वाहन किया जब्त:RTO raided the main gate of vehicles running without permit in Bhilai Steel Plant and seized 12 vehicles of officers

-बीएसपी प्रबंधन शासन को लगा रहा था राजस्व का चूना, टैक्सी परमिट के बजाए निजी पंजीयन पर किया जा रहा था उपयोग
-विधायक देवेन्द्र यादव ने अप्रैल में की थी इसकी मुख्यमंत्र से शिकायत
भिलाई। आरटीओ दुर्ग के फ्लाइंग स्क्वाड ने आज भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों को प्रबंधन की ओर से सुविधा के तहत आबंटित की गई 12 चार पहिया वाहनों को जब्त कर लिया। टैक्सी परमिट के बजाए निजी वाहनों के इस्तेमाल की सच्चाई सामने आने के बाद यह कार्यवाही की गई है। इस कार्यवाही के लिए आज सुबह सामान्य पाली शुरू होने से पहले ही आरटीओ की टीम संयंत्र के मेनगेट पर आकर डट गई थी और बीएसपी अधिकारियों को प्लांट लाने ले जाने वाली प्राइवेट चार पहिचा गाडिय़ों के परमिट का जांच करना शुरू कर दिया। इसके कारण बीएसपी अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

आरटीओ दुर्ग फ्लाइंग स्क्वाड प्रभारी निरीक्षक विकास शर्मा के नेतृत्व में  17 सदस्यीय अधिकारी-कर्मचारियों की टीम के द्वारा मेनगेट पर वाहनों की जांच पड़ताल किए जाने की खबर फैलते ही बीएसपी प्रबंधन में हड़कम्प सी मच गई। इस कायवाही में 15  अधिकारियों के वाहन को जब्त कर भिलाई भट्ठी थाना परिसर में खड़ा कराया गया है। जबकि कार्यवाही की भनक लगने के बाद कुछ अधिकारी मेनगेट के बजाए दूसरे किसी गेट से होकर कार्यस्थल पहुंचे। इस दौरान अधिकारी अपने मोबाइल फोन के जरिए एक-दूसरे से संपर्क बनाये रहे। कार्यवाही के दौरान मेनगेट के पास खड़े रहने वाले भारी वाहनों के संख्या भी अन्य दिनों के अनुपात में कम रहीं। जब्त किए गए वाहनों को निजी टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसी के माध्यम से बीएसपी के अधिकारियों को कार्यालयीन कामकाज में सुविधा के तहत आबंटित किया गया था। कायदे से ऐसे वाहनों के लिए टैक्सी परमिट आवश्यक है। लेकिन ऐसा नहीं करते हुए निजी वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा था। इससे शासन को मिलने वाले राजस्व का नुकसान हो रहा था। आज की जांच में आरटीओ टीम के निशाने पर ऐसे निजी वाहन थे, जिन्हें बिना टैक्सी परमिट के अधिकारियों को आबंटित किया गया है।

गौरतलब रहे कि शुरुवाती दौर में भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन पात्रता रखने वाले अपने अधिकारियों के लिए स्वयं का वाहन उपलब्ध कराता था। लेकिन समय के साथ इस प्रक्रिया में बदलाव लाकर प्रबंधन ने अधिकारी व वीआईपी के लिए छोटे चार पहिया वाहन उपलब्ध कराने का काम ठेके पर दे रखा है। निविदा शतों के मुताबिक संबंधित ठेका एजेंसी को टैक्सी परमिट वाहन उपलब्ध कराना है, लेकिन नहीं कर व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए पंजीकृत वाहन बीएसपी को उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि दोनों केटेगरी के वाहनों के टैक्स में भारी अंतर है।
इससे परिवहन विभाग के माध्यम से राज्य शासन को मिलने वाले राजस्व का नुकसान हो रहा है। कार्यवाही के दौरान आरटीओ फ्लाईंग स्क्वाड प्रभारी निरीक्षक विकास शर्मा के साथ उपनिरीक्षक संतोष कुमार हरिपाल, सुजीत सिन्हा, डामेन्द्र चुरेन्द्र सहित 17 अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे।

आरटीओ की कार्रवाई के दौरान पुलिस भी रही तैनात
बीएसपी मेन गेट में बुधवार को परिवहन विभाग की छापेमार कार्रवाई के दौरान थाने के पुलिस जवान भी तैनात रहे। आरटीओ निरीक्षक विकास शर्मा ने बताया बीएसपी में बिना कमर्शियल लाइसेंस के गाडिय़ों का इस्तेमाल किया जा रहा था जो नियम के विरूद्ध है। श्री शर्मा ने आगे बताया कि इस प्रकार की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। 12 प्राइवेट गाडिय़ों को जब्त किया गया है। जांच के दौरान यह बड़ा खुलासा हुआ है कि अंदर आने-जाने वाली गाडिय़ों का परमिट तक नहीं है। जांच के दौरान बीएसपी के अधिकारी ये भी नहीं बता पाए कि गाड़ी के दस्तावेज कहां है। आरटीओ के अनुसार आगे भी विभाग इस तरह से छापेमार कार्रवाई करेगा।

डेढ साल पहले भी हो चुकी है कार्यवाही, हुई थी 23 वाहने जब्त
उल्लेखनीय है कि इस प्रकार की कार्यवाही पिछले डेढ साल पहले भी हो चुकी है और ऐसे ही मामले में 23 वाहनों को जब्त किया गया था, इसके बावजूद भी बीएसपी प्रबंधन ने सबक नही लिया। बिना दस्तावेज के प्लांट प्रबंधन द्वारा टैक्सी गाडिय़ों को रखा जाना भी बड़ी लापरवाही माना जा रहा है।  विभाग की टीम ने बीएसपी अधिकारियों को लाने और ले जाने के उपयोग में होने वाली निजी गाडिय़ों पर कार्रवाई की है।

विधायक देवेन्द्र यादव ने अप्रैल में की थी मुख्यमंत्री से शिकायत
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव ने पत्र लिखकर भिलाई स्पात संयंत्र में विभिन्न टूर एवं ट्रेवल्स एजेंसी के माध्यम से संचालित वाहनों की जांच कराने की मांग रखी थी। 25 अप्रैल 2020 को लिखे इस पत्र में विधायक व तात्कलीन महापौर देवेन्द्र यादव ने अधिकारियों की मिलीभगत से बिना टैक्सी परमिट के संचालित निजी वाहनों के चलते राज्य शासन को करोड़ों के नुकसान होने की जानकारी मुख्यमंत्री को दी थी। आज जिस छापामार अंदाज में आरटीओ की  फ्लाइंग स्क्वाड ने छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया उसे विधायक यादव की साल भर पहले मुख्यमंत्री से की गई शिकायत का नतीजा माना जा रहा है। विधायक के द्वारा संयंत्र के अंदर चल रहे भारी वाहन जैसे डम्फर, ट्रक, जेसीबी आदि के पंजीयन व फिटनेस पर भी संदेह जताते हुए अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया गया है।

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