छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

बीएसपी के पिछले हिस्से से आ रहे दूषित पानी की किसानों ने शिकायत की, कलेक्टर ने बैठक में दिये जांच के निर्देश,:The farmers complained about the contaminated water coming from the back of the BSP, the collector gave instructions for investigation in the meeting,

-कहा नाला बंधान के कार्य तत्काल करें शुरू, सारी पुरानी अनुपयोगी इरीगेशन संरचनाओं का होगा जीर्णोद्धार
                                                                                                                                                        दुर्ग। बीएसपी के पीछे वाले हिस्से से दूषित पानी आने की शिकायत किसानों ने की है। इस संबंध में कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों को जाँच के निर्देश दिये हैं और लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। आज कलेक्टर ने एसडीएम एवं अन्य अधिकारियों से विस्तार से स्थिति की जानकारी ली और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को जांचकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने एवं लापरवाही पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। आज बैठक में नगर निगम आयुक्त  ऋतुराज रघुवंशी, एडीएम श्रीमती नूपुर राशि पन्ना, जिला पंचायत सीईओ  सच्चिदानंद आलोक, डीएफओ धम्मशील गणवीर, रिसाली निगम आयुक्त  प्रकाश सर्वे,  बीबी पंचभाई सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

तीन से चार किमी के अंतराल में बनेंगे नरवा के स्ट्रक्चर – जिन नालों में प्रथम चरण में ट्रीटमेंट हुआ है उनके कैचमेंट एरिया में जलस्तर में अच्छी खासी वृद्धि हुई है। पुरानी अनुपयोगी सिंचाई संरचनाओं के जीर्णोद्धार से तथा नालों में हर 3 किमी में एक स्ट्रक्चर बनाने से भूमिगत जल को रोकने में बड़ी मदद मिलेगी, इसके लिए कार्य आरंभ करें। इसके साथ ही जिले में इस बार वर्षा की स्थिति संतोषजनक नहीं है। इसे देखते हुए नाला बंधान के कार्यों को तत्काल प्रारंभ करें, आमतौर पर अच्छी बारिश होने पर यह कार्य कुछ देर से होता है लेकिन इस बार यह जल्दी होना चाहिए। कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने यह निर्देश विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में दिये। कलेक्टर ने कहा कि जिले में 2 किमी से 11 किमी तक बहने वाले 127 नाले हैं। इनमें तीन-चार किमी के अंतराल में एक स्ट्रक्चर होना चाहिए, यह स्ट्रक्चर डाइक हो सकता है चेकडेम हो सकता है ट्रेंच भी हो सकता है।

ब्रशवुड चेकडेम भी हो सकता है। इसके लिए सर्वे कर लें एवं शीघ्रता-शीघ्र प्रस्ताव तैयार करें। नालों के किनारे व्यापक रूप से प्लांटेशन हो। उन्होंने कहा कि इन सभी कार्यों के लिए प्रस्ताव 30 सितंबर तक अनिवार्यत: स्वीकृत करा लें। कलेक्टर ने सभी सीईओ को जिला पंचायत सीईओ के मार्गदर्शन में यह कार्य तत्काल आरंभ करने निर्देशित किया। कलेक्टर ने कहा कि एसडीएम इनके क्रियान्वयन की निरंतर मानिटरिंग करते रहें। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसी संरचना नहीं छूटनी चाहिए जिनसे पहले सिंचाई होती थी लेकिन अभी इनसे किसानों को लाभ नहीं मिल रहा।

बिजली की स्थिति की करते रहें मानिटरिंग- कलेक्टर ने कहा कि अभी खेती किसानी की जरूरतों को देखते हुए बिजली की व्यवस्था मुकम्मल रखें। जिन क्षेत्रों में इस संबंध में परेशानी आ रही है उनके लिए अस्थायी एवं स्थायी रूप से हल करने की दिशा में कार्य करें। कलेक्टर ने एनएच की सड़कों की खराब स्थिति पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि स्थिति जल्द ही ठीक नहीं हुई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नस्ल सुधार के लिए स्पेशल ड्राइव- कलेक्टर ने नस्ल सुधार के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि कृषि के साथ आय बढ़ाने के लिए पशुपालन को ध्यान देना सबसे जरूरी है। इसके लिए दो महीने व्यापक ड्राइव चलाएं। अधिकारियों ने बताया कि नस्ल सुधार के लिए 22 टीमें बनाई गई हैं और इसका पूरा शेड्यूल निर्धारित किया गया है। कलेक्टर ने अधिकारियों से इसकी मानिटरिंग के निर्देश दिये।

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