छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

जेपी प्रतिमा हटाने की सूचना से संस्थापक आरपी शर्मा को पक्षाघात रेलवे-बीएसपी पर लगाए गंभीर आरोप: Founder RP Sharma was paralyzed by the information about the removal of JP statue, serious allegations against Railway-BSP

भिलाई। भारतरत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान के बैनर तले 32 वर्ष पूर्व स्थापित भारतरत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा को प्रस्तावित अंडरब्रिज की वजह से हटाए जाने की तैयारियों की सूचना से संस्थापक आरपी शर्मा इस तनाव के चलते पक्षाघात (लकवा) के शिकार हो गए हैं। उन्होंने जेपी की प्रतिमा को किसी भी सूरत में हटाए जाने की हर कोशिश का पुरजोर विरोध किया है।

श्री शर्मा ने कहा है कि उन्हें बिना सूचना दिए आखिर प्रतिमा को स्थानांतरित करने संबंधी प्रस्ताव कैसै तैयार कर लिया गया। उल्लेखनीय है कि सुपेला रेलवे समपार (क्रासिंग) पर अंडरब्रिज प्रस्तावित है। इस हेतु प्रशासनिक गतिविधियां जोरों पर चल रही है। इस पूरी प्रक्रिया में यहां स्थापित भारतरत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा के संस्थापक आरपी शर्मा को शामिल नहीं किया गया बल्कि उन्हें महज भिलाई नगर पुलिस थाना की ओर से मौखिक जानकारी दी गई।

इसके बाद आरपी शर्मा ने विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री, भारतीय रेलवे, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल-मुख्यमंत्री और दुर्ग जिला कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक को विस्तार से पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि भारतरत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर स्वतंत्र भारत के सर्वाधिक आदरयोग्य व्यक्तित्व में से एक हैं। उनकी प्रतिमा किसी भी कीमत पर नही हटनी चाहिए।

श्री शर्मा ने कहा कि 27 अगस्त को आरपी शर्मा को  उपमुख्य अभियंता-1 (निर्माण) दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे खारून रेल विहार रायपुर सें पत्र व्हाट्सएप के माध्यम से मिला है। जिसमें सूचना दी गई है कि जेपी प्रतिमा को स्थानांतरित करने के संबंध में भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने अपनी सहमति दे दी है और 31 अगस्त को इस संबंध में आयोजित बैठक की सूचना दी गई है। इसके अलावा आरपी शर्मा को फोन के माध्यम से इस बैठक में उपस्थित होने रेलवे के अधिकारियों ने कहा है। आरपी शर्मा की अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है और फिलहाल वह घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।  उन्होंने तमाम हालात पर एक पत्र रेलवे के अधिकारियों को लिखा है। जिसमें उन्होंने अपनी अस्वस्थता के लिए रेलवे के मनमानीपूर्ण निर्णय को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं पक्षाघात पीडि़त होकर अस्पताल में भर्ती होने की वजह से उन्होंने 31 अगस्त की बैठक में उपस्थित होने पर असमर्थता जताई है।

उन्होंने रेलवे से मांग की है कि बीएसपी प्रबंधन द्वारा प्रतिमा स्थानांतरित करने संबंधी सहमति पत्र की प्रतिलिपि उन्हें प्रेषित की जाए। उन्होंने बीएसपी प्रबंधन को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि आखिर उन्हें सूचना दिए बिना जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा को स्थानांतरित करने के संबंध में मैनेजमेंट ने अपनी सहमति कैसे दे दी? उन्होंने अपने प्रतिकूल स्वास्थ्य के लिए बीएसपी मैनेजमेंट को भी जिम्मेदार ठहराया है।

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