नरवा योजना के तहत जीर्णोद्धार किए गए नालों के दोनों तरफ किया जाएगा पौधरोपण , Plantation will be done on both sides of the renovated drains under the Narva scheme
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कलेक्टर ने गौठानों में आजीविका मूलक गतिविधियों को तेज करने का दिया निर्देश
दुर्ग /नरवा योजना के अंतर्गत जीर्णोद्धार किये गये नालों के दोनों ओर व्यापक रूप से पौधरोपण किया जाएगा। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया। कलेक्टर ने कहा कि नालों के दोनों ओर व्यापक रूप से पौधरोपण करने से वाटर रिचार्ज तेजी से होगा, इससे नरवा स्ट्रक्चर औैर अधिक प्रभावी होंगे। उन्होंने जिला पंचायत में हुई बैठक मे कहा कि नरवा योजना अंतर्गत जिन नालों का जीर्णोद्धार किया गया है उनमें किसी अतिरिक्त स्ट्रक्चर की आवश्यकता हो तो इसे भी प्रस्तावित करें। उन्होंने कहा कि बूंद-बूँद जल के संरक्षण से ही कृषि की व्यापक उन्नति हो सकती है। कलेक्टर ने कहा कि इस बार जिन नालों के आसपास संरक्षण कार्य किया गया है, उनमें रबी फसल में भी लोगों ने पंपों से पानी लिया। बरसों से जमी गाद निकली है और आने वाले वर्षों में यह नाले और भी प्रभावी होंगे। व्यापक रूप से पौधरोपण होने से कैचमेंट एरिया में पानी बढ़ेगा। उन्होंने पौधे लगाने के साथ ही इनके संरक्षण के लिए भी मुकम्मल व्यवस्था करने के निर्देश दिये। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने भी अधिकारियों को विस्तार से निर्देश दिये और पूर्व में विभागीय योजनाओं पर की गई प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री बीबी पंचभाई, सहायक कलेक्टर श्री हेमंत नंदनवार भी उपस्थित थे।
गोबर खरीदी की पुख्ता व्यवस्था की मानिटरिंग करते रहें- कलेक्टर ने कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की प्राथमिकता की योजना है। इसके हितग्राहियों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसका ध्यान रखें। अधिकारी खरीदी केंद्रों का नियमित निरीक्षण करें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि यहां गोबर का रखरखाव बेहतर तरीके से हो। कंपोस्ट के निर्माण में तकनीकी पद्धति का पूरी तरह पालन हो। कंपोस्ट निर्माण के पश्चात इसके विक्रय की पुख्ता व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि स्वावलंबी गौठान हमें तैयार करने हैं। बहुत से गौठानों में इस दिशा में अच्छा काम हो रहा है। कहीं पर बेहतर करने की जरूरत है। जहाँ पर व्यवस्था में सुधार की जरूरत है वहां तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करें।
नैपियर घास की व्यवस्था पर निर्देश- कलेक्टर ने कहा कि गौठानों के साथ चारागाह बनाये गये हैं और यहाँ नैपियर घास लगाये जा रहे हैं। नैपियर घास गोधन को पोषण प्रदान करने में सबसे मुकम्मल भूमिका निभाते हैं। इसका पूरी तरह उपयोग करना है। इसके उपयोग की प्लानिंग बनाने के निर्देश दिये जा चुके हैं। जिन जगहों से ऐसी योजनाएं नहीं आए हैं उनकी मानिटरिंग करें तथा इस पर प्रभावी कार्य के निर्देश दें। कलेक्टर ने कहा कि गौठान समितियों की बैठक में इस पर विशेष चर्चा हो। साथ ही नस्ल वृद्धि के लिए किये जा रहे कार्यों पर विशेष रूप से मानिटरिंग होती रहे।
बाड़ी घर के पीछे भी, यह सबसे जरूरी- कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय की मंशा है कि सामूहिक बाड़ियों के साथ ही गाँव में हर घर में पीछे बाड़ी हो तो सब्जी उत्पादन और पोषण के क्षेत्र में लाभ मिलेगा। इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित करें और ऐसा करने वाले ग्रामीणों को बीज और तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्ध कराने में मदद करें।