बोड़नपाल में जल जंगल जमीन बचाने को लेकर हुंकार भरी मंत्री कवासीबोड़नपाल में जल जंगल जमीन बचाने को लेकर हुंकार भरी मंत्री कवासीReview meeting of Task Force (Child Labor) and National Child Labor Project Committee concluded Minister Kawasi shouted for saving water, forest land in Bodanpal
*बोड़नपाल में जल जंगल जमीन बचाने को लेकर हुंकार भरी मंत्री कवासी*
*जगदलपुर:-* विश्व आदिवासी दिवस सर्व आदिवासी समाज की ओर से सोमवार को बस्तर ब्लॉक के ग्राम पंचायत बोड़नपाल में विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। इसमें आदिवासी नेता व प्रभारी मंत्री लखमा कवासी ने कहा कि जल जंगल और
जमीन पर आदिवासियों का हक है।आदिवासी बाहुल्य अंचल में आदिवासी दिवस पर अवकाश की मांग लंबे समय से जारी थी।हमारी सरकार ने तुरंत स्वीकार कर लिया ।भूपेश सरकार आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित करने वाली देश की पह बोड़नपाल में जल जंगल जमीन बचाने को लेकर हुंकार भरी मंत्री कवासी ली सरकार है ।बस्तर शांति और विकास के लिए सरकार गंभीर है, जल जंगल और जमीन से हम दूर नहीं रह सकते हैं।बस्तर के कई क्षेत्र में कई वर्षो से बंद पड़े स्कूलों को अब पढ़ाई से पर आंरभ हो चुकी है ।क्षेत्र में आदिवासी विधायकों के साथ सांसद भी आदिवासी हैं, समाज के पार्टी वाद नहीं होना चाहिए बस्तर के विकास के लिए हम एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगे ।आदिवासी संस्कृति महत्वपूर्ण स्थान देव गुड़ी और घोटुल संरक्षण देने का कार्य कर रहे हैं। हमारे आदिवासी से गुरुजी , थानेदार, बाबू , पटवारी को पदोन्नति में नहीं हो रहा है। इसके लिए पूर्ववर्ती सरकार ने एक कमेटी बनाई थी जिसका नाम पिगुआ कमेटी है उस कमेटी ग्राप्ट तैयार करके सरकार को इसी सप्ताह के अंत में रिपोर्ट सौंपेंगे। हमारे आदिवासी समाज से जो प्रतिनिधित्व का लाभ लेना है उसको ले सकते हैं ।मुख्यमंत्री को हम मांग करेंगे कि स्थानीय भर्ती में बस्तर में सरगुजा, अंबिकापुर रायपुर, दुर्ग से लोग आकर थानेदार गुरुजी नाकेदार बन रहे हैं। हम मांग करेंगे कि स्थानीय भर्ती करके बस्तर में ही नौकरी करेंगे।बस्तर विकास प्राधिकरणअध्यक्ष एवं विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि हमारे संस्कृति परंपरा के साथ आदिवासियों की पहचान रखने का एकमात्र त्यौहार है, अपितु यह त्यौहार पूरे विश्व में बनाया जाता है क्योंकि यह दिन हमारे आदिवासी संस्कृति रिती रिवाज के साथ-साथ लोक नृत्य को दिखाने का एक अवसर प्रदान होती है, हमें पारा मोहल्ला टोला में हमारे आदिवासी भाइयों को संगठित करके जोड़ना है।
रामचंद्र बघेल ने कहा कि जिले को आदिवासी अधिसूचित घोषित करने के साथ ही संविधान की पांचवीं सूची में शामिल किया गया है। जिले की सारी व्यवस्था ग्राम सभा के फैसले के अनुसार ही होनी चाहिए। भारत सरकार की ओर से अब तक इसकी रूपरेखा के संबंध में स्पष्ट निर्देश अधिकारियों को नहीं दिया जा रहा है। आदिवासी अधिसूचित क्षेत्र के लोगों को संवैधानिक अधिकार नहीं मिलने के कारण आदिवासी अब तक पिछड़े, गरीब, असहाय जीवन व्यतीत करने को विवश हैं। आज तक राज्य सरकार ने ग्राम सभा के संपूर्ण जानकारी हमारे पंचायत प्रतिनिधियों को जानकारी नहीं दे रही है ।जिसके कारण हमारे अनुसूचित क्षेत्र में बहुत सारे फर्जी ग्रामसभा हो रही है, अनुसूचित क्षेत्रों फर्जी तरीके से ग्राम सभा हो रही है। इस पर समाज को कड़ी कार्यवाही करने की जरूरत है। चाय हो मामला डिपार्टेड नंबर 13 बैलाडीला का हो या चपका का फर्जी ग्राम सभा का मामला हो।इस दौरान वाणिज्य कर उद्योग मंत्री श्री लखमा कवासी, बस्तर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष एवं विधायक लखेश्वर बघेल , सर्व आदिवासी समाज संभाग अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर , सर्व आदिवासी समाज ब्लॉक अध्यक्ष मानसिंह कश्यप, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप , जिला पंचायत सदस्य गणेश बघेल, जिला कांग्रेस अध्यक्ष बलराम मौर्य, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष मोहन मौर्य, जनपद पंचायत सदस्य बैध नाथ मौर्य, हेमराज बघेल , सरपँच संघ प्रदेश उपाध्यक्ष शिव कुमारि दुरुव, बोड़नपाल फूल सिंह बघेल, रायकेरा परगना मांझी लक्ष्मण कश्यप, शारदा कश्यप, पूरन सिंह कश्यप, रामू राम कश्यप, गोवर्धन बघेल, रमेश कश्यप ,जय देव बघेल, बैसाखू मौर्य, धनुंजय कश्यप, खगेश कश्यप, गौतम रात्रे, रागेश कश्यप, भुवनेश्वर बघेल, पेनसिंह मौर्य, रेनू बघेल, कमलेश कश्यप, ओमेश्वर कश्यप,लंबोधर मौर्य, अरुण, देवदास कश्यप ,सुखचंद कश्यप, चेतन कश्यप आदि सामाजिक पदाधिकारी उपस्थित थे।