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गणना किए बिना ही होटल संचालक को एकलाख 24 हजार 730 रुपये का बिल थमा दिया

सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ बिलासपुर- बिजली कंपनी ने लोड की गणना किए बिना ही होटल संचालक को एकलाख 24 हजार 730 रुपये का बिल थमा दिया। मामले पर सुनवाई करते हुए स्थाई लोक अदालत(जनोपयोगी सेवाएं) ने बिल को रद करते हुए सामान्य बिल भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।

कुदुदंड निवासी प्रशांत पांडेय पिता प्रेमचंद पांडेय का मंगला रोड पर पेसिफिक रेस्टोरेंट है। यहां आवेदक ने स्वयं के व्यय पर वर्ष 2011 में बिजली कंपनी से ट्रांसफार्मर लगवा कर कनेक्शन लिया था। इसके बाद रेस्टोरेंट के लिए प्रतिमाह 35 हजार से 50 हजार रुपये बिल का भुगतान किया गया। बिजली कंपनी के नियम के अनुसार तीन वर्ष बाद स्वयं के व्यय पर लगाया गया ट्रांसफार्मर सार्वजनिक हो जाता है। बिजली कंपनी इस ट्रांसफार्मर से अन्य उपभोक्ताओं को कनेक्शन दे सकती है। इसके तहत वर्ष 2015 में बिजली कंपनी ने ट्रांसफार्मर से अन्य 18 से 20 घरों को कनेक्शन दिया। कंपनी के सतर्कता विभाग के अधिकारियों ने 13 सितंबर 2017 को रेस्टोरेंट की जांच की। जांच उपरांत बिना गणना त्रुटिपूर्ण एक लाख 24 हजार 730 रुपये का बिल दे दिया। इसके संचालक ने स्थाई लोक अदालत(जनोपयोगी सेवाएं) बिलासपुर में आवेदन प्रस्तुत कर देयक से छूट प्रदान कराने, मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में एक लाख रुपये अन्य व्यय 20 हजार रुपये दिलाने की मांग की। स्थाई लोक अदालत के सभापति श्रीनारायण सिंह ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी नेहरू नगर जोन कार्यालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। कार्यपालन यंत्री सीएम बाजपेयी ने कोर्ट में उपस्थित होकर गलत बिल देने की बात स्वीकार की। दोनों पक्ष समझौता के लिए तैयार हो गए। इस पर पीठसीन अधिकारी ने विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जारी एक लाख 24 हजार 730 रुपये के बिल को शून्य करते हुए सामान्य बिल भुगतान करने का आदेश दिया है।

 

 

 

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