सरकार बनने के बाद प्रदेश में पहली बार विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया जिसके लिए भूपेश सरकार बधाई के पात्र.
सरकार बनने के बाद प्रदेश में पहली बार विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया जिसके लिए भूपेश सरकार बधाई के पात्र.
जिलाध्यक्ष राजीव शर्मा ने विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक बधाई दी, और कहा आदिवासी अंचलों में प्रशासनिक तंत्र मजबूत सरकार और व्यवस्था के प्रति विश्वास का नया दौर.
राजा ध्रुव। जगदलपुर – बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष राजीव शर्मा ने छत्तीसगढ़ के प्रदेशवासियों को पारंपरिक हरेली त्यौहार की बधाई और शुभकामनाएं दी और कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद प्रदेश में पहली बार विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है इससे सभी वर्गों को आदिवासी समाज की परंपरा और संस्कृति और उनके उच्च जीवन के मूल्यों को समझने का अवसर मिलेगा. श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने ढाई वर्षो में 29 नई तहसीलें और 4 नए अनुविभाग गठित की हैं उनमें से अधिकतर आदिवासी अंचल में ही है राज्य गठन के बाद आदिवासी अंचलों और शेष क्षेत्रों के बीच विकास का अंतर दूर कर लिया जाएगा लेकिन विगत वर्षों में यह अंतर और भी अधिक बढ़ गया है इसलिए कांग्रेस की भूपेश सरकार ने सबसे पहले विश्वास जीतने की बात की. इसके लिए निरस्त वनाधिकार पट्टों के दामों की समीक्षा, जेल में बंद आदिवासियों के प्रकरणों की समीक्षा कर अपराध मुक्ति, बड़े उद्योग समूह के कब्जे से आदिवासियों की जमीन वापस लौटाने का निर्णय, तेंदूपत्ता संग्रहण दर ₹ 2500 से बढ़ाकर ₹4000 प्रति मानक बोरा करने का निर्णय लिया गया इससे आदिवासी अंचल में सरकार और व्यवस्था के प्रति विश्वास का नया दौर शुरू हुआ. भूपेश सरकार ने 7 से बढ़ाकर 52 वनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की तथा पुरानी दरों को भी बदला जिसके कारण वनोपज संग्रह से ही 500 करोड़ रुपए से अधिक अतिरिक्त सालाना आमदनी का रास्ता बन गया. अनुसूचित क्षेत्रों में कोदो, कुटकी, रागी जैसी फसलों को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने के इंतजाम किए गए प्रदेश में 16 हजार करोड़ रुपए की लागत से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है जिससे हमारे आदिवासी अंचलों को सैकड़ों ऐसी सड़के मिलेगी जिसका इंतजार वह दशकों से कर रहे थे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संपर्क बहाल करने के लिए 1 हजार 637 करोड़ रुपए की लागत से सड़कें बन रही हैं. श्री शर्मा ने कहा कि आदिवासियों की जमीन वापसी की घोषणा के साथ आदिवासियों को न्याय दिलाने का सिलसिला शुरू हो गया है 10 गांव के 1 हजार 707 किसानों को 4 हजार 200 एकड़ जमीन के दस्तावेज प्रदान किए जा चुके हैं प्रदेश में 146 विकासखंडों में से 110 विकासखंडों में फूडपार्क स्थापित करने के लिए भूमि का सीमांकन और उनके स्थानों पर भूमि हस्तांतरण भी किया जा चुका है छत्तीसगढ़ में 139 वनधन विकास केंद्र स्थापित हो चुके हैं. छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के नाम से 121 उत्पादों की मार्केटिंग की जा रही है भारत सरकार की संस्था ट्रायफेड द्वारा 6 अगस्त को छत्तीसगढ़ को लघु वनोपज की खरीदी और इससे संबंधित अन्य व्यवस्थाओं के लिए 11 राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए हैं यह हमारे आदिवासी अंचलों के साथ पूरे प्रदेश के लिए भी गौरव का विषय है. श्री शर्मा ने कहा कि राज्य में वनों पर आधारित उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए वनांचल उद्योग पैकेज लागू किया गया है. आदिवासी अंचलों में स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार सबसे बड़ी जरूरत है इस दिशा में प्राथमिकता से काम शुरू किया गया है स्वास्थ सुविधाओं की जरूरतों को डीएमएफ मत से पूरी करने के लिए आवश्यक नियम बनाए गए हैं सीएसआर और अन्य मदों की राशि भी इन्हीं प्राथमिकताओं के लिए खर्च करने की रणनीति बनाई गई है राज्य के सुदूर अंचल में ग्रामीणों को सहजता से स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना शुरू की गई है इससे अब आदिवासी भाई बहनों का उपचार हाट बाजारों में भी होने लगा है इसका लाभ 11 लाख से अधिक लोगों को मिल चुका है छत्तीसगढ़ में 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार थे अब 15 से 49 वर्ष तक कि 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया अर्थात खून की कमी से ग्रस्त थी आदिवासी जिलों में हालात और भी खराब थे इसे देखते हुए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया जिसमें डीएमएफ और जनभागीदारी के योगदान को बढ़ावा दिया योजना के माध्यम से बच्चों को दूध अंडा स्थानीय प्रशासन के अनुसार पोस्टिक आहार दिया जिसके कारण कुपोषण और एनीमिया की दर में तेजी से कमी आई. श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की योजना मलेरिया मुक्त अभियान की यूएनडीपी और नीति आयोग ने की सराहना इस अभियान के शुरू होने से 1 साल में ही बस्तर संभाग में मलेरिया के प्रकरण में 45 प्रतिशत और सरगुजा संभाग में 60 प्रतिशत कम हो जाना सुखद है अन्य आकांक्षी जिलों को भी इस अभियान को अपनाने की सलाह दी गई है। शिक्षा के लिए राज्य सरकार ने संकटग्रस्त क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस किया जिसके कारण बीहड़ नक्सल अंचलों में 13 वर्षों से बंद स्कूल बीते साल खुल चुके हैं कोरोना काल में पढ़ाई तुंहर पारा अभियान के तहत लाखों बच्चों को उनके गांव घर मोहल्लों में खुले स्थानों पर भी पढ़ाया गया. श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने कोरोना के तीसरी लहर से सावधान रहने की अपील की है. श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने राम वन गमन पथ पर अपनी मंशा जाहिर की और कहा कि अगर ओ का विषय है कि भगवान राम का अवतार जिस काम के लिए हुआ था उन प्रसंगों की रचना छत्तीसगढ़ में हुई यह अद्भुत संयोग है कि भगवान राम का छत्तीसगढ़ में प्रवेश संचरण और प्रस्थान सघन आदिवासी अंचल में ही हुआ।