वसुंधरा सम्मान से सम्मानित होंगे सतीश जायसवाल Satish Jaiswal to be honored with Vasundhara Samman

भिलाई/ इस साल का वसुंधरा सम्मान सतीश जायसवाल को साहित्य और पत्रकारिता की सांझी परम्परा में प्रदीर्घ और रचनात्मक योगदान के लिए प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। महात्मा गांधी की परिकल्पना के विनम्र ग्राम सेवक कीर्तिशेष देवीप्रसाद चौबे की स्मृति मे स्थापित वसुंधरा सम्मान का निरंतर 21वां वर्ष है। यह सम्मान लोकजागरण की मासिक पत्रिका वसुंधरा के द्वारा प्रदान किया जाता है।
सतीश जायसवाल को स्व देवीप्रसाद चौबे की 45 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 14 अगस्त को रायपुर में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा। यह निर्णय सुप्रसिद्ध पत्रकार एवं मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रुचिर गर्ग की अध्यक्षता में गठित समिति के सदस्यों ईवी मुरली, विनोद मिश्र, समीर दीवान, अरुण श्रीवास्तव, मुमताज एवं डा रक्षा सिंह की सात सदस्यीय समिति के द्वारा लिया गया है। बिलासपुर में निवासरत 17 जून 1942 को जन्मे सतीश जायसवाल विगत साढ़े चार दशकों से साहित्य और पत्रकारिता में सृजनरत हैं। साहित्य, संस्कृति और पत्रकारिता के आपसी रिश्तों को पोषित करने की दिशा में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। कहानी, संस्मरण और यात्रा वृतांत की अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी रचनाएं ज्ञानोदय, दिनमान, धर्मयुग, सारिका, साप्ताहिक हिंदुस्तान, रविवार, वागर्थ, समकालीन भारतीय साहित्य, हंस, जैसी देश की सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं । कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों का संपादन किया है। वे चार वर्षों तक पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी सृजन पीठ के अध्यक्ष रह चुके हैं।
छग विधानसभा की त्रैमासिक शोध पत्रिका के भी वे कार्यकारी संपादक भी रहे हैं।
सतीश जायसवाल ने महत्वपूर्ण साहित्यिक लेखन के साथ-साथ दिनमान, धर्मयुग, जनसत्ता, प्रेसट्रस्ट आफ इंडिया और छत्तीसगढ़ के अनेक समाचार पत्रों के लिये पत्रकारिता भी की है। उन्हें वनमाली कथा सम्मान तथा द स्टेट्समैन अवार्ड फार रुरल रिपोर्टिंग के लिए पूर्व में सम्मानित किया जा चुका है। यह सम्मान उन्हें 1994 में महानदी घाटी के लोक चित्रांकन के जरिए छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की पहचान पर केंद्रित रिपोर्ट के लिए दिया गया था।