खास खबरछत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

तीन साल बाद गिरफ्तार हुआ चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर , Director of chit fund company arrested after three years

45 लोगों से लिए थे रुपए डबल करने के नाम पर लगभग 4 करोड़ रुपए
वापस करने के पहले ही हो गया था फरार
दुर्ग। रूपये डबल करने के नाम पर 45 लोगों से चार करोड़ रूपये जमा कर उनको वापस करने के पहले ही फरार हो जाने वाले चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर रितेश देवांगन को तीन साल बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है।  इस मामले में पुलिस ने कंपनी के 2 और डायरेक्टर्स को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी। इन तीनों आरोपियों ने रकम दोगुना करने के नाम पर 45 लोगों से 3 करोड़ 85 लाख रुपए कंपनी में निवेश कराए थे। वापस करने की बारी आई तो गुमराह करने लगे। पुलिस ने आरोपी से निवेश से जुड़े कई दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
2019 में हुुआ था खुलासा
रिसाली के एक निवेशक चंद्र कुमार जैन ने पैसा नहीं मिलने पर सुपेला थाना में केस दर्ज सन 2019 में कराया था। चंद्र कुमार जैन ने कंपनी में 17 लाख 53 हजार रुपए निवेश किए थे। पैसा वापस नहीं मिलने पर चंद्र कुमार ने पुलिस में इसका शिकायत की। इस पर पुलिस ने पूरे मामले की जांच की तो पता चला कि तीनों आरोपियों ने 45 लोगों से 3 करोड़ 85 हजार रुपए ठगे हैं। इसके बाद 2019 में 2 डायरेक्टर कवल राम देवांगन और विकास देवांगन को गिरफ्तार किया था। रितेश इस पूरे मामले का पता चलने के बाद फरार हो गया था। जिसे अब पुलिस ने धनौरा रोड़ रिसाली से पकड़ा है।
5 साल में करते थे डबल
तीनों ने मिलकर 2013 में बांगड़ा रियल इंफ्रा. लिमिटेड नाम से कंपनी खोली थी। इसका दफ्तर सुपेला के आकाश गंगा में बनाया था। सभी डायरेक्टर्स लगातार लोगों को पैसा निवेश करने के लिए प्रचार प्रसार कर रहे थे। तीनों डायरेक्टर्स ने पीडि़तों को ये कहकर अपने झांसे में लिया था कि अब कंपनी में रकम जमा कराईए। आपको 5 साल में रकम दोगुना होकर मिलेगी।
12 प्रतिशत का ब्याज देगे
इसके अलावा आरोपियों ने कहा था कि यदि रकम दोगुना नहीं होती है। फिर भी हम आप सभी को प्रति वर्ष जमा राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज देंगे। आरोपियों ने बताया कि ये सभी रकम रियल स्टेट के काम में लगाई जा रही है। इससे आप सभी को काफी मुनाफा होगा। यही सब बात सुनकर पीडि़त उनके झांसे में आ गए और 45 लोगों ने कंपनी में पैसा निवेश कर दिया।
तीनों डायरेक्टर ने सभी निवेशकों को एक बॉन्ड पेपर भी दिया, जिससे लोगों को विश्वास हो गया कि उन्हें कंपनी से रकम दोगुना होकर ही मिलेंगे। जब 5 साल बीत जाने के बाद भी किसी पीडि़त को रुपए नहीं मिले।

Related Articles

Back to top button