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शासन की ड्रीम प्रोजेक्ट की मुख्यमंत्री के सलाहकार ने की समीक्षा , Advisor to Chief Minister reviewed the dream project of governance

कहा गौठानों में गोबर खरीदी की नियमित रूप से होती रहे मानिटरिंग
उद्यमिता केंद्र के रूप में गौठान को विकसित करने करें प्रयास

दुर्ग। राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और अधोसंरचना को मजबूत बनाने के लिए महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी संचालित की जा रही है। योजना का उद्देश्य ग्रामीण उद्यमियता और ग्रामीण, विकास की अधोसंरचना को मजबूत करना है। योजना अंतर्गत गौठानों के माध्यम से पशुपालकों से गोबर की खरीदी किया जा रहा है। साथ ही गौठान में जानवरों को समुचित तरीके से रखने का इंतजाम किये जाने से पशुपालन के प्रति भी बढ़ा रूझान देखने को मिला है। यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कही। वे गत दिवस जिले के प्रवास पर थे। उन्होंने जिला पंचायत की सभाकक्ष में योजना के क्रियान्वयन और वास्तुस्थिति के संबंध में अधिकारियों से समीक्षा की।
श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जाए, गांव में रोजगार के अवसरों का सृजन हो, पशुपालन को बढ़ावा मिले। इसे सार्थक बनाने के लिए नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी ड्रीम प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। योजना के एक साल के कार्यकाल को देखने से पता चलता है कि योजना का क्रियान्वयन होने से गांव में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पशुपालन की दिशा में काफी बदलाव हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि गौठानों के माध्यम से गोबर खरीदी करने से हजारों परिवारों को रोजगार और आय का साधन बनाने का माध्यम मिला है। उन्होंने कहा कि गौठानों में गोबर खरीदी नियमित रूप से होती रहे, इसकी प्रभावी मानिटरिंग होती रहे क्योंकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और घरेलू उद्योग को उपर उठाना है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में समितियों को जरूरी प्रशिक्षण दिया जाए। समितियों के द्वारा ऐसे उत्पादों का निर्माण किया जाए जिसके विक्रय के लिए आसानी से बाजार उपलब्ध हो और समितियों को स्वावलंबी बनाया जा सके। इस अवसर पर खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना योजना का मूल उद्देश्य है। योजना का उद्देश्य केवल वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन करना नहीं है। ग्रामीणों को पशुपालन से जोडऩा और एक ऐसा केंद्र विकसित करना है जो लोगों के आर्थिक जीवन का हिस्सा बने और आय अर्जित करने का माध्यम बने। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी यादव, उपाध्यक्ष अशोक साहू एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। जिला पंचायत सीईओ  सच्चिदानंद आलोक ने विस्तार से विभागीय गतिविधियों की जानकारी बैठक में दी।

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