छत्तीसगढ़

अदरक, हल्दी, तिखूर, पपीता, केला, मुनगा उगाने के लिए  उत्साहित होकर आगे आ रहे है जिले किसान धान के स्थान पर अन्य लाभदायी फसल लेने कलेक्टर ने किया आग्रह जिले मे खेती के इस अभिनव पहल का दिखायी देने लगा परिणामअदरक, हल्दी, तिखूर, पपीता, केला, मुनगा उगाने के लिए  उत्साहित होकर आगे आ रहे है जिले किसान धान के स्थान पर अन्य लाभदायी फसल लेने कलेक्टर ने किया आग्रह जिले मे खेती के इस अभिनव पहल का दिखायी देने लगा परिणाम For growing Ginger, Turmeric, Tikhur, Papaya, Banana, MoongaDistrict farmers are coming forward with enthusiasmCollector urged to take other profitable crop in place of paddyThis innovative initiative of farming is visible in the district.

अदरक, हल्दी, तिखूर, पपीता, केला, मुनगा उगाने के लिए
 उत्साहित होकर आगे आ रहे है जिले किसान
धान के स्थान पर अन्य लाभदायी फसल लेने कलेक्टर ने किया आग्रह
जिले मे खेती के इस अभिनव पहल का दिखायी देने लगा परिणाम
नारायणपुर 30 जुलाई 2021 – जिले के किसानों को अब परंपरागत खेती धान के अलावा अन्य लाभदायी फसलों को लेने के लिए जिला प्रशासन तथा कृशि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा पहल की जा रही है। इस पहल का अब परिणाम भी दिखायी देने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों मे बड़ी संख्या में किसान विभिन्न प्रकार की फसलें जिसमें धान के स्थान पर अदरक, हल्दी, तिखूर, पपीता, केला, मुनगा इत्यादि उगाने के लिए उत्साहित होकर आगे आ रहे है। कलेक्टर श्री धर्मेश कुमार साहू ने इसके लिए पहल करते हुए किसानों को समूह बनाकर इस प्रकार खेती करने के लिए प्रेरित किया और इसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को कार्य योजना बनाकर किसानों को लाभ लेने के लिए जोड़ने के उद्देश्य से निर्देश दिये। कलेक्टर श्री साहू ने आज जिले के ऐसे ही गांवों का दौरा कर अब तक हुई प्रगति का जायजा लिया। इस दौरान कृशि विभाग के उपसंचालक श्री बालसिंह बघेल, जनपद पंचायत नारायणपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री घनश्याम जांगड़े, उद्यानिकी विभाग के श्री मोहन साहू, कृशि विज्ञान केन्द्र के श्री दास के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी एवं किसान उपस्थित थे।
जिले के कनेरा, करलखा, कुल्हाड़गांव एवं बागबेड़ा के आश्रित गांव मटावंड का निरिक्षण किया जहां बड़ी संख्या में किसान धान के स्थान पर अदरक, हल्दी, तिखूर, पपीता, केला, मुनगा इत्यादि की फसल लेने लगे है। किसानो ने अब जिला प्रशासन और उसके संबंध विभागों के सहयोग से इस तरह की खेती करने की कोशिश की है। और उसके आशाजनक परिणाम दिखाई देने लगे है। निरिक्षण के दौरान कनेरा गांव में लगभग 3 एकड़ की भूमि पर तिखूर लगाने का काम महिला समूहों द्वारा किया जा रहा हैं। समूह की महिलाओं ने बातचीत के दौरान बताया कि यह पहले पड़त भूमि थी और इसमें कोई फसल नहीं ली जाती थी, लेकिन अब इस साल से तिखूर लगाकर कृशिगत लाभ लिया जाएगां। कलेक्टर ने महिला समूहों को प्रेरित किया और कहा कि वे आस-पास के अन्य गांवों के किसानों को भी इसके लिए प्रेरित करें। निरिक्षण के दौरान कलेक्टर ग्राम करलखा पहंुचे जहां जिला प्रशासन की मदद से किसानों के लगभग 2 सौ एकड़ जमीन की फैसिंग कराई गई है, जहां किसानों ने हल्दी, मुनगा, एवं अदरक की खेती कर रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि अब इस गांव के किसान भी धान के स्थान पर इस तरह की खेती करने के लिए उत्साह से आगे आ रहे है।
निरिक्षण के दौरान आज कलेक्टर कुल्हाड़ गांव पहुंचे जहां 4 एकड़ में हल्दी एवं ढाई एकड़ में अदरक की फसल लगाई गई हैं। यहां यह फसल लहलहाने लगी है। पहले यह पड़त भूमि हुआ करती थी जहां किसी भी प्रकार की फसल नहीं ली जाती थी। बातचीत के दौरान ग्रामीणो ने बताया कि यहां 30 किसान अपनी जमीन पर मुनगा, केला, पपीता, हल्दी, अदरक उगाने के लिए उत्साहित है। इसके लिए करीब 194 एकड़ जमीन उपलब्ध है। कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि जिला प्रशासन द्वारा संबंधित विभागों के सहयोग से फैसिंग, बीज एवं जलस्श्रोत तथा तकनिकी सहायता भी उपल्बध करायी जाएगी। उन्होने अधिक से अधिक किसानों को इस तरह की खेती से जुड़ने का आग्रह किया। इस दौरान मटावंड पहुंच कर उन्होने ग्रामीणों से बातचीत की ग्रामीणांे ने बताया कि साढ़े 16 एकड़ जमीन में किसानों द्वारा धान के स्थान पर अन्य लाभदायी फसल लेने का निर्णय लिया गया है।

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