अगले तीन दिन तक छत्तीसगढ़ में हो सकती है तेज बारिश
सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़ रायपुर- मानसून ने अब करवट बदली है और यह छत्तीसगढ़ को पूरी तरह से भिगोने जा रहा है। बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम छत्तीसगढ़ के ऊपर से ही गुजर रहा है, इसलिए इसका खासा प्रभाव उत्तर छत्तीसगढ़ समेत समूचे प्रदेश पर पड़ेगा। मौसम विभाग ने एक, दो और तीन जुलाई को प्रदेश में भारी से अतिभारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। रायपुर में एक जुलाई की शाम से जो बारिश शुरू हुई, वह रात भर जारी रही। यह बारिश अगले दो दिनों तक शहर को तरबतर करेगी। शाम को पचपेड़ी नाका, रिंग रोड-2 के आसपास बारिश हुई, मगर इसके बाद समूचे शहर में बारिश हुई। 10 दिन बारिश न होने से वर्षा के आंकड़ों में कमी आई है, मगर इस बारिश से क्षतिपूर्ति हो जाएगी। रायपुर में 29 फीसद कम बारिश हुई, जबकि प्रदेश में अब तक 43 फीसद कम बारिश हुई है।
बीते तीन दिनों से प्रदेश के मौसम में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ। 70-75 फीसद बादल छाए रहे। रायपुर समेत प्रदेश के सभी शहरों का तापमान 35 डिग्री से कम रहा। सिर्फ बिलासपुर में सोमवार को 35 डिग्री पर रहा। मौसम वैज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक छत्तीसगढ़ में जुलाई और अगस्त ही ऐसे दो महीने हैं, जिनमें सर्वाधिक बारिश होती है। लगभग 70 फीसद बारिश इन्हीं महीनों में होती है। इसमें एक के बाद एक सिस्टम बनते हैं। बता दें कि मौसम विभाग ने मध्य भारत में 96 से 104 फीसद बारिश का पूर्वानुमान जारी किया था।
इन जिलों में कम हुई बारिश
प्रदेश के जिन जिलों में 50 फीसद से कम बारिश हुई, उनमें राजनांदगांव, बिलासपुर, मुंगेली, सरगुजा, रायगढ़, कोरिया, जांजगीर-चांपा, जशपुर,बलौदाबाजार प्रमुख रूप से शामिल हैं। रायपुर में 192 मिमी बारिश होनी थी, लेकिन दर्ज हुई 109 मिमी।
एक जून की रिपोर्ट के मुताबिक
प्रदेश में एक जून तक औसतन 204.9 मिमी बारिश हो जानी थी, मगर यह आंकड़ा सिर्फ 145.8 फीसद ही पहुंचा।इसकी वजह मानसून में देरी बताई गई। जून में दो सिस्टम बनने थे, बना सिर्फ एक ही। अब जुलाई में तीन सिस्टम बनने का पूर्वानुमान है।
इंतजार में थे किसान – खेत की जोताई के बाद किसान बारिश के ही इंतजार में आसमान पर टकटकी लगाई बैठे थे। बारिश होने से खेत में पानी भरेगा और फिर किसान बोआई करेंगे।हालांकि कई किसान अभी भी जोताई ही कर रहे हैं।
बचना होगा मौसमी बीमारियों से – बारिश में सबसे ज्यादा मौसमी बीमारियों को खतरा बना रहता है। मलेरिया, डेंगू, पीलिया जैसे बीमारी घर करने के लिए तैयार रहती हैं। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने जिलों के सीएमएचओ को बीमारियों की रोकथाम के लिए अहतियातन कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। नगर निगम भी अपने स्तर पर साफ पानी पीने के लिए लोगों को जागरूग कर रही है। बता दें कि रायपुर का पानी दूषित पाया गया था।
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