सुपेला के थोक सब्जी मंडी का स्थानांतरण का मामला अटका, The transfer case of Supela’s wholesale vegetable market stuck
जहां किया जाना था स्थानांतरिक वह जमीन है आवासीय प्रयोजन वाला
भिलाई। नई मंडी के लिए सुपेला थाने के पीछे नगर निगम द्वारा चिन्हित जमीन आवासीय प्रयोजन वाली होने से ऐसा सुपेला के थोक सब्जी मंडी के स्थानांतरण का मामला अटक गया है। समय के साथ शहर के हुए विस्तार और आबादी बढऩे से सुपेला का मौजूदा थोक सब्जी मंडी छोटा पडऩे लगा है। लिहाजा आकाशगंगा थोक सब्जी विक्रेता संघ की मांग पर नगर निगम ने सुपेला थाने के पीछे रिक्त जमीन पर सब्जी मंडी विकसित करने का निर्णय लिया है। लेकिन इसमें एक अड़चन आ रही है, जिसे दूर करने आकाशगंगा थोक सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष रवि जॉन सिंह ने मुख्यमंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर इस मामले को सुलझाने के साथ व्यवसायियों को सौगात देने सब्जी विक्रेता संघ ने मुख्यमंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाया है।
आकाशगंगा थोक सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष रवि जॉन सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, प्रभारी मंत्री मो अकबर, संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी, विधायक भिलाई देवेन्द्र यादव सहित नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक, कलेक्टर दुर्ग और निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपा गया है। सब्जी विक्रेता संघ ने सभी से आग्रह किया है कि सुपेला थाने के पीछे वाली जमीन का प्रयोजन परिवर्तन के लंबित मामले को शीघ्र सुलझाते हुए मंडी का स्थानांतरण सुनिश्चित किया जाए।
ज्ञातव्य हो कि वर्ष 1992 में तात्कालीन विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा पावर हाउस से हटाकर आकाशगंगा सुपेला में थोक सब्जी मंडी को विकसित किया गया था। तब महज 36 थोक सब्जी विक्रेता हुआ करते थे। लेकिन अब यहां 110 थोक सब्जी विक्रेता कारोबार कर रहे हैं। इस लिहाज से आकाशगंगा की मौजूदा सब्जी मंडी छोटी पडऩे लगी है। स्थानीय बाड़ी और अन्य प्रदेश की मंडियों से सब्जी के आने वाले वाहनों को जगह नहीं मिलने से अव्यवस्था बनती है। सड़क, नाली और पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी सब्जी विक्रेताओं को तरसना पड़ रहा है।
बहुत ज्यादा है दिक्कत: रवि जॉन सिंह
आकाशगंगा थोक सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष रवि जॉन सिंह ने कहा कि समय के साथ व्यापारियों की संख्या लगातार बढऩे से मौजूदा मंडी में बहुत ज्यादा दिक्कत है। इसे दूर करने के लिए मंडी का स्थानांतरण जल्द से जल्द होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 में जब आकाशगंगा सब्जी मंडी विकसित की गई तब 36 थोक विक्रेताओं को भूखंड आबंटित किया गया था। आज की स्थिति में यहां 110 व्यापारी अपना कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में कईं तरह की परेशानी हो रही है। सब्जी लेकर आने वाले वाहनों को खड़े करने की जगह मुश्किल से मिल पाती है। इसलिए सुपेला थाने के पीछे वाली चिन्हित जमीन का प्रयोजन आवासीय से बदलकर व्यवसायिक करने की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाना जरूरी है।