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*सलधा में एशिया का भव्य एवं अनूठा मंदिर का निर्माण, 65 करोड़ में बन रहा बनेगा शिव का विशाल शिव धाम, भक्तगणों एवं श्रद्धालुओं के लिए एक साथ सवालाख शिवलिंग का दर्शन संभव*

*बेमेतरा:-* ज़िला बेमेतरा के बेरला ब्लॉक अंतर्गत ग्राम धर्म ग्राम सलधा में इन दिनों भव्य ऐतिहासिक सवा लाख शिवलिंग रूपी मंदिर का निर्माण हो रहा है। जिसमें देवों के देव महादेव के कई भव्य मंदिरों के आपने दर्शन किए होंगे लेकिन एक खास मंदिर छत्तीसगढ़ में निर्माणाधीन है । सभी मंदिरों से अलग इस मंदिर में एक जगह खड़े होकर भक्तों को एक साथ सवा लाख शिवलिंग के दर्शन होंगे।एक शिव लिंग में दूध व जल चढ़ाने से सवा लाख शिवलिंग में जल व दूध चढाने का सौभाग्य व फल प्राप्त होगा इसी प्रकार एक परिक्रमा करने से सवा लाख शिवलिंग की परिक्रमा का सुख मिलेगा।
गौरतलब हो कि सलधा में सवा लाख शिवलिंग स्थापित करने के लिए भव्य मंदिर का निर्माण करने के लिए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद महाराज व दंडी स्वामी आदि मुक्तेश्वर महाराज के सानिध्य में आधारशिला रखी गई। लगभग 65 करोड़ की लागत से बनने वाले इस मंदिर स्थल पर दंडी स्वामी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमिपूजन किया गया था । ज्ञात हो कि ग्राम सलधा बेमेतरा से 17 किमी दूर एवं देवरबीजा से 10 किमी कि दूरी में शिवनाथ नदी के किनारे स्थित है। यहां बनने वाला मंदिर एशिया का सबसे बड़ा शिव मंदिर होगा।
फिलहाल मंदिर का निर्माण छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के बेरला ब्लाक ग्राम सलधा में किया जा रहा है । शिवनाथ नदी के तट पर बसे इस छोटे से गांव में एक भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है ।

*सवा लाख शिवलिंग विश्व का पहला एकलौता मंदिर*
इस सम्बंध में ब्रह्मचारी ज्योर्तिमयानंद ने बताया कि यह विश्व का पहला ऐसा मंदिर है । यही नहीं आज तक चारों युग सतयुग , त्रेतायुग , द्वापरयुठा और कलयुग में कोई ऐसा मंदिर नहीं बना , जहां एक साथ सवा लाख देवता विराजमान हुए हों । यह मंदिर अदभुत है । ज्योतष्पिीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जादूरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के आशीर्वाद से उनके शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मंदिर निर्माण करा रहे हैं ।

*दानदाताओं के नाम से होंगे ज्योतिलिंग*
चूंकि भगवान शंकर के इस मंदिर में 1 लाख 25 हजार शिवलिंग की स्थापना की जाएगी । समिति द्वारा एक शिवलिंग के लिए 5100 रुपए निर्धारित किया गया है , जो दानदाताओं के नाम से ही ईश्वर के रूप में स्थापित किया जाएगा जैसे राम के नाम से दान दिए तो रामेश्वर ज्योतिलिंग । दानदाता अपने माता पिता व किसी के नाम से भी दान कर सकते हैं । अब तक 25000 हजार लोग करीब 10 करोड़ रूपए दान कर चुके हैं । यहां किस्त में भी दान कर सकते हैं ।

*काशी विश्वनाथ की तरह बनेंगे घाट*
जानकारी के मुताबिक कांशी विश्वनाथ की तरह मंदिर निर्माण के साथ ही शिवनाथ नदी तट पर घाट बनाया जाएगा । रोज शाम को गंगा आरती की जाएगी। भक्त स्थान और पूजापाठ कर सके , ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी । यहां स्वर्ग जाने के और नर्क जाने के रास्ते और कमों के बारे में बताया जाएगा । ताकि लोग स्वयं अपनी कर्मों की चिंता करें ।

*वेद और शास्त्रों की मिलेगी शिक्षा*
दरअसल यहां भक्तों को अपने आराध्य भगवान भोलेनाथके दर्शन होंगे। साथ ही उन्हें वेद और शास्त्रों की शिक्षा दी जाएगी यहां संस्कृत विश्वविद्यालय बनाया जायेगा गौशाला,चिकित्सालय पुस्तकालय,भोजनालय भी होगा
ब्रम्हचार्य ज्योतिरमयानंद ने बताया कि ये चारों मंदिर के 4 आधार होते है। इसके बिना मंदिर अधूरा होता है।

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