छत्तीसगढ़

निगम मंडल की नियुक्ति से ज्यादा जरूरी, दिवंगत पंचायत शिक्षकों के विधवाओं की अनुकम्पा नियुक्ति जरूरी -अश्वनी यदु More important than the appointment of corporation board, compassionate appointment of widows of deceased panchayat teachers is necessary – Ashwani Yadu

निगम मंडल की नियुक्ति से ज्यादा जरूरी, दिवंगत पंचायत शिक्षकों के विधवाओं की अनुकम्पा नियुक्ति जरूरी -अश्वनी यदु
शिक्षकों के विधवाओं को अनुकंपा नियुक्ति देने की अनुकंपा करें सरकार
पति/पिता के मृत्यु के बाद अनुकम्पा के लिए कीचड़, बदबू और बारिश में रात बिता रहा है पीड़ित परिवार, फिर भी दया नहीं कर रही है सरकार
दिंवगत शिक्षकों का परिवार अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर सड़क में उतरा।
तेज बारिश में भी डटे है, दे रहे है अनिश्चित कालीन धरना, जनता काँग्रेस ने दिया समर्थन
अनुकम्पा नियुक्ति के सम्बंध में हाईकोर्ट के हालिया आदेश का अवलोकन करें सरकार

रायपुर छत्तीसगढ़ दिनांक 25 जुलाई 2021। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश महासचिव अधिवक्ता अश्वनी यदु ने दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा नियुक्ति संघ के द्वारा राजधानी के बूढ़ा तालाब स्थित धरना प्रदर्शन स्थल पर तेज बारिश के बावजूद कीचड़ और बदबू में रातें बिताकर पीड़ित परिवारों के द्वारा अनिश्चितकालीन धरना देने वाले महिलाओं के जज्बे को सलाम करते कहा छत्तीसगढ़ में आज निगम मंडल की नियुक्ति से ज्यादा जरूरी दिवंगत पंचायत शिक्षक के इन विधवा बहनों और उनके परिवार के सदस्यों की अनुकंपा नियुक्ति जरूरी है। जिनके पति कभी प्रदेश के अन्य अन्य जिलों को बच्चों के भविष्य को गढ़ने का काम किया है और आज इनका परिवार नियुक्ति के लिए भटक रहा है। विगत दिनांक 21 जुलाई 2021 से पीड़ित परिवार सड़क में उतरकर तेज बारिश के बावजूद धरना प्रदर्शन कर रहा है, गंदगी में रातें बिता रहे है लेकिन सरकार को थोड़ी भी दया नहीं आ रही है।
अश्वनी यदु ने कहा कांग्रेस ने सरकार बनाने से पहले इन लोगों से वादा किया था कि सरकार बनने के बाद उनके परिवार के सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी लेकिन आज सरकार बने ढाई साल हो गए इनकी नियुक्ति नहीं की जा रही है जिस कारण इनका पूरा परिवार अब सड़क पर आ गया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, भरण पोषण की समस्या इन परिवारों के सामने पहाड़ बनकर खड़ा हो गया है । पीड़ित परिवार के सदस्य यह भी कह रहे हैं कि योग्यता के आधार पर यदि उन्हें चपरासी की भी नौकरी दी जाती तब भी उन्हें स्वीकार्य होगा लेकिन सरकार जनता से ज्यादा नेताओं को खुश करने और लालबत्ती बाटने में मशगूल है। सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है, लगातार इनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है जिस कारण पीड़ित परिवार को सड़क में उतरने को मजबूर होना पड़ा है।अनुकंपा नियुक्ति के नियम के अनुसार यदि परिवार का कोई सदस्य शासकीय सेवा में है तो उसे अनुकंपा नियुक्ति के पात्रता नहीं होगी लेकिन सिर्फ परिवार के सदस्य शासकीय सेवक हैं इसे आधार मानकर आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता। ऐसे प्रकरण में निर्णय लेने के पूर्व यह जांच करना जरूरी है कि शासकीय सेवक परिवार को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता कर रहा है या नहीं। जबकि दिवंगत पंचायत शिक्षकों के विधवा बहनों और पीड़ित परिवारों को तो नियुक्ति ही नहीं दी गई जो कि माननीय उच्च न्यायालय के भावनाओं के भी विपरीत है। इसलिए भी सरकार को माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के उक्त आदेश का अवलोकन करते हुए तत्काल दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ पीड़ित परिवार के मांगों को जल्द से जल्द पूरा कर पीड़ित परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए।

अश्वनी यदु ने जनता कांग्रेस की ओर से दिवंगत पंचायत शिक्षक संघ के जायज मांगों का समर्थन करते हुए कहा हमारी पार्टी पीड़ित परिवार के साथ है ।

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