छत्तीसगढ़

कोरोना का भारी असर, इस साल नहीं होगी भोरमदेव पदयात्राकोरोना का भारी असर, इस साल नहीं होगी भोरमदेव पदयात्रा Corona has a huge impact, this year there will be no Bhoramdev padyatra

भोरमदेव पदयात्रा इस वर्ष स्थगित रहेगी। प्रतिवर्ष सावन माह के प्रथम सोमवार को होने वाले भोरमदेव पदयात्रा को कोरोना वायरस के रोकथाम एवं बचाव के उपायों को विशेष रूप से ध्यान रखते हुए स्थगित किया गया है। भोले बाबा के पूजन का विशेष सावन मास का पहला सोमवार 26 जुलाई को है। ऐसे में पहले दिन सोमवार पर श्रद्घालु भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने मंदिरों में सुबह से पहुंचेंगे। इस दौरान जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और रूद्राभिषेक से शिवालय सुबह से गूंज रहे हैं।

पौराणिक मान्यता है कि भगवान महादेव श्रद्घापूर्वक जल चढ़ाने से प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहे जाने वाले भोरमदेव में पहले सोमवार के लिए जिला प्रशासन द्वारा पदयात्रा का आयोजन किया जाता है। यह 11 वर्षों से चला आ रहा था। लेकिन इस वर्ष नहीं होगा। बीते वर्ष भी कोरोना के कारण पदयात्रा को स्थिगित किया गया था। कलेक्टर रमेश शर्मा ने पदयात्रा स्थगित किए जाने को लेकर पुष्टि की है।

पदयात्रा में उमड़ता है जलसैलाब

जिले की सुख शांति व समृद्धि के लिए प्रशासन व जिले के लोगों द्वारा नगर के बूढ़ा महादेव मंदिर से भोरमेदव मंदिर तक पदयात्रा निकलती है। जो 18 किमी पैदल चलकर भोरमदेव बाबा तक पहुंचती हैं। इस पदयात्रा में जिलेभर के भक्त व अधिकारी उपस्थित रहते हैं। इस सावन 26 जुलाई सोमवार को पदयात्रा निकलने वाली थी, जो अब नहीं कोरोना के कारण नहीं निकलेगी। वहीं नगर के बूढ़ा महादेव मंदिर, भोरमदेव मंदिर, जालेश्वर महादेव घाट, जुनवानी, रामचुवा, झिरना, आंछी सहित जिले के कई शिवमंदिरों में श्रावण मास में विशेष पूजा अर्चना होती है। इन मंदिरों में पूरे सावनभर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। जिलेभर में मेले सा महौल रहता है। इसके कारण पुलिस प्रशासन द्वारा विशेष सुरक्षा तैयारी की जाती है। यहां दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्घालु जाते हैं। वहीं कांवरियों की अधिक भीड़ लगी रहती है। इस वर्ष कोरोना के कारण विशेष ध्यान दिया जाएगा।

पदयात्रा में पूर्व कलेक्टर व सीईओ भी होते हैं शामिल

पदयात्रा में कबीरधाम में काम कर जा चुके आइएएस भी शामिल होते हैं। बीते वर्ष 2019 में जिले के तत्कालीन कलेक्टर , एसपी डा. लाल उमेद सिंह व जिला पंचायत सीईओ कुंदन कुमार ने यात्रा की अगुवाई की। भोरमदेव पदयात्रा की शुरुआत करने वाले आइएएस सिद्धार्त कोमल परदेशी भी यात्रा में साथ रहे। इसके अलावा जिले के पूर्व कलेक्टर आइएएस पी.दयानंद और पूर्व जिपं सीईओ आइएएस डा. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे भी पदयात्रा में शामिल हुए। साथ ही कई जनप्रतिनिधि इस पदयात्रा में शामिल होते हैं। 2019 के बाद से यह पदयात्रा स्थगित की गई है।

भोरमदेव मंदिर में प्रवेश के लिए मास्क अनिवार्य

भोरमदेव मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर भोरमदेव प्रबंध समिति द्वारा कोविड-19, कोरोना वायरस के संक्रमण एवं रोकथाम के लिए सतर्कता बरती जाएगी। कलेक्टर द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए जारी प्रोटोकाल का पालन करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए मास्क को अनिवार्य किया गया है। कोविड-19, कोरोना वायरस के संक्रमण एवं रोकथाम के लिए पूरी सतर्कता बरती जाएगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सेनेटाईजर की भी व्ययवस्था रखी गई है। मंदिर परिसर स्थल पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजुद रहेगी। मंदिर में आने वाले प्रत्येक श्रद्घालुओं का स्क्रेनिंग कराने की व्यवस्था बनाई गई है।

Related Articles

Back to top button