स्कूलों को खोलने के लिए शिक्षकों के टीकाकरण को प्राथमिकता Priority for vaccination of teachers to open schools

बेंगलुरु. कर्नाटक (Karnataka) के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के. सुधाकर ने बृहस्पतिवार को बताया कि सरकारी, सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के सभी शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना रोधी टीके (anti-Corona vaccine) की खुराक दी जाएगी. एक बयान में सुधाकर ने कहा कि देर-सबेर स्कूल तो खुलेंगे ही क्योंकि बच्चे हमेशा ऑनलाइन कक्षाओं पर निर्भर नहीं रह सकते हैं. लगातार ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो रही हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार विशेषज्ञों की सलाह लेने के बाद कोई निर्णय लेगी.
स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के. सुधाकर ने कहा, ‘‘ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. इसलिए, किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा. इस तरह के निर्णय लेने के लिए विशेषज्ञों की सलाह ली जाएगी.’’ सुधाकर ने कहा, ‘‘विद्यालय के कर्मियों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी. विद्यार्थियों के माता-पिता और परिवार के सदस्यों का पहले ही टीकाकरण हो चुका है.’’
उन्होंने कहा कि राज्य में टीकाकरण का आंकड़ा अगले कुछ दिनों में तीन करोड़ को पार कर जाएगा और टीका लेने वाले लोगों के शरीर में एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है. मंत्री ने कहा कि चिकित्सा कॉलेजों को खोलने के आदेश दिए जा चुके हैं जबकि उच्च शिक्षा संस्थान भी शीघ्र ही खुलेंगे. उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से सभी शिक्षण संस्थानों को खोला जाएगा और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के कदम उठाए जाएंगे. सुधाकर ने कहा कि इस विषय पर जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ भी चर्चा होगी
अभी कोरोना को लेकर सतर्कता जरूरी है
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि कर्नाटक में बुधवार को कोविड -19 के 1,639 नए मामले और 36 मौतों की सूचना है. इससे कुल संक्रमणों की संख्या 28,88,341 हो गई और मरने वालों की संख्या 36,262 हो गई है. जानकारी में बताया कि दिन में 2,214 डिस्चार्ज हुए, जिससे ठीक होने वालों की कुल संख्या 28,26,411 हो गई है. वहीं प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या 25,645 रही. विभाग ने बताया कि बुधवार को बेंगलुरू अर्बन में 419 नए मामले दर्ज हुए हैं तो शहर में कुल 963 लोग स्वस्थ होकर अपने घरों को लौटें हैं, जबकि शहर में मात्र सात मौतें हुईं.