164 महिलाओं एवं 03 पुरुषों ने नसबंदी करा निभाई परिवार नियोजन में जिम्मेदारी, 164 women and 03 men performed the sterilization responsibility in family planning
परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के प्रति लोगों में बढ़ रही जागरूकता
दुर्ग / जिले में विश्व जनसंख्या दिवस के अंतर्गत इस वर्ष 11 जुलाई से 31 जुलाई तक पखवाड़ा मनाया जा रहा है। जिसमें योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन की सेवा प्रदान की जा रही है। जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा द्वितीय चरण के अंतर्गत 164 महिलाओं एवं 03 पुरुषों का नसबंदी ऑपरेशन किया गया। परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के प्रति लोगों में अब जागरूकता बढ़ रही है।अब तक 214 महिलाओं ने आईयूसीडी, 80 पीपीआईयूसीडी, 19 त्रैमासिक अंतरा की सेवा ली। 1720 महिलाओं को सप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया का वितरण किया गया। 3909 गर्भनिरोधक गोली माला का वितरण किया गया साथ ही पुरुषों को 14000 कंडोम वितरित किया गया। इस बारे में जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. सीबीएस बंजारे ने बताया वर्ष 2019 में 11 से 24 जुलाई पखवाड़े के दौरान 463 महिलाओं एवं 20 पुरुषों से नसबंदी ऑपरेशन की सेवा ली। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण की वजह से 36 महिलाओं का ही नसबंदी ऑपरेशन हुआ। लॉकडाउन के वजह से अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों का अधिक उपयोग हुआ था। इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन, धमधा, उतई, निकुम, अहिवारा, कुम्हारी एवं जिला अस्पताल के स्थाई सेवा दिवस पर नसबंदी के लिए निर्धारित तिथि जिला चिकित्सालय दुर्ग में प्रतिदिन, सिविल अस्पताल सुपेला में प्रतिदिन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उतई में प्रत्येक गुरुवार एवं शनिवार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धमधा में प्रत्येक सोमवार एवं बुधवार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अहिवारा में प्रत्येक सोमवार, स्वास्थ्य केंद्र कुम्हारी में प्रत्येक बुधवार एवं गुरुवार एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में प्रत्येक सोमवार एवं बुधवार को निर्धारित किया गया है। अपने क्षेत्र के मितानिन, सुपरवाइजर से संपर्क एवं पंजीयन कराकर नसबंदी ऑपरेशन करा सकते है। आज जिला चिकित्सालय दुर्ग में 14 महिलाओं को सेवा प्रदान की गई। एनएसवीटी महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरूष नसबंदी काफी आसान और सरल है ‘‘ना टाका ना चिराग बस हो गया’’ नसबंदी परिवार नियोजन कराना सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं अब वक्त आ गया है कि जब रूढ़िवादी व परंपराओं को तोड़कर एनएसवीटी को अपनाना चाहिए। खुशहाली के लिए छोटा परिवार सुखी परिवार होता है। बच्चों के बीच में 3 साल का अंतराल में बच्चे होने पर मां व बच्चें का स्वास्थ्य ठीक रहता है।छोटा परिवार सुख का आधार बड़ा परिवार झंझट हजार- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर एवं जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ सीबीएस बंजारे ने आम जनता से अपील की है कि अधिक से अधिक लोग परिवार नियोजन अपनाये।