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*संत कबीर जाति-पांति के भेदभावों से मुक्त एक संत पुरुष थे:योगेश तिवारी*

*(पिपरभट्ठा में तीन दिवसीय कबीर ग्रंथ महोत्सव के समापन पर किसान नेता योगेश तिवारी बतौर मुख्य अतिथि हुए शामिल)*

 

बेमेतरा:- विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पिपरभट्ठा में तीन दिवसीय कबीर ग्रंथ महोत्सव के समापन पर किसान नेता योगेश तिवारी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए इस दौरान पंथ श्री उदित मुनि नाम साहेब का जन्मदिन सादगी पूर्ण ढंग से मनाया गया। सर्वप्रथम अतिथि ने संत कबीर की पूजा अर्चना कर क्षेत्रवासियों के खुशहाली की कामना की । इस दौरान किसान नेता ने कहा कि भारतीय संत परम्परा और संत-साहित्य में संत कबीर एक महान समाज-सुधारक हैं। उनका जन्म ऐसे समय में हुआ, जब भारतीय समाज और धर्म का स्वरूप रूढ़ियों एवं आडम्बरों में जकड़ा एवं अधंकारमय था। संत कबीर अध्यात्म की सुदृढ़ परम्परा के संवाहक थे। सत्व, रज, तम तीनों गुणों को छोड़कर वे त्रिगुणातीत बन गये थे । कबीर एक ऐसे संत हैं, जिनके लिए पंथ और ग्रंथ का भेद बाधक नहीं। वे दो संस्कृतियों के संगम हैं। उनका मार्ग सहजता है, यही कारण है कि उन्होंने सहज योग का मार्ग सुझाया। वे जाति-पांति के भेदभावों से मुक्त एक  संतपुरुष एवं अनूठे योगी थे। इस दौरान दीनदयाल साहेब, गोविंद वर्मा, संदीप साहू, नेतराम साहू, लखन वर्मा, चेतराम वर्मा, सागर साहू, माखन वर्मा, विनोद साहू, दुखु वर्मा, पूसउ वर्मा, अशोक वर्मा, विश्राम दास, किशुन वर्मा, धन्नू सिंह वर्मा, कुशल वर्मा, खोरबाहरा साहू, संतोष साहू आदि उपस्थित थे।

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