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कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई…पढ़िए आगे खबर No death due to lack of oxygen in the second wave of corona… read further news

नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central Government) ने मंगलवार को राज्यसभा (Rajyasabha) में बताया कि देश के कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) के दौरान किसी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत का कोई भी मामला सामने नहीं आया. लेकिन दूसरी लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई. सरकार के मुताबिक यह मांग पहली लहर में 3095 मीट्रिक टन की तुलना में लगभग 9000 मीट्रिक टन तक पहुंच गई, जिसके बाद केंद्र को राज्यों के बीच समान वितरण की सुविधा के लिए कदम उठाने पड़े.

इस सवाल के जवाब में कि क्या दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण सड़कों और अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोविड ​​​​-19 मरीजों की मौत हुई, स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित रूप से केंद्र को मामलों और मौतों की संख्या की रिपोर्ट करें. पवार ने कहा कि “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मौतों की रिपोर्टिंग के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

सरकार ने दूसरी लहर में किए विशेष इंतजाम
पवार ने एक लिखित जवाब में कहा, “इसके अनुसार, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित तौर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को मामलों और मौतों की रिपोर्ट देते हैं. हालांकि, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से ऑक्सीजन की कमी के कारण विशेष रूप से किसी भी मौत की सूचना नहीं दी गई है.” पवार ने लिखित जवाब में यह बात कही. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अप्रैल-मई 2021 के दौरान देश में कोविड-19 के मामलों में तेजी से हुई बढ़ोतरी के चलते मरीजों मेडिकल ​​​​देखभाल सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा ऑक्सीजन, और अन्य उपभोग्य सामग्रियों सहित राज्यों का समर्थन किया है और कई कार्रवाई की है.

राज्यों की ओर से की गई ऑक्सीजन की कुल मांग और आपूर्ति पर मंत्रालय ने कहा कि अस्पतालों को चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति अस्पताल और संबंधित चिकित्सा ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के बीच संविदा की व्यवस्था से निर्धारित होती है. उन्होंने कहा कि “हालांकि, दूसरी लहर के दौरान चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि के कारण देश में मांग लगभग 9000 मीट्रिक टन तक पहुंच गई, जो कि पहली लहर में 3095 मीट्रिक टन थी. ऐसे में राज्यों को समान वितरण की सुविधा के लिए कदम उठाना पड़ा.

केंद्र ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर में पैदा हुई ऑक्सीजन की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि से निपटने के लिए भारत सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर हर संभव कदम उठाए. इसमें लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) का उत्पादन अगस्त 2020 में 5700 मीट्रिक टन से बढ़ाकर मई 2021 में 9690 मीट्रिक टन करना, ऑक्सीजन के औद्योगिक उपयोग पर प्रतिबंध; और कंटेनरों की उपलब्धता में बढ़ोतरी जैसे उपाय शामिल हैं.

 

 

 

 

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