*शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति एवं बदलाव ला रही शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल, बच्चो से लेकर पालकों में जबरदस्त ललक, सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का ज़िले में व्यापक असर*

*(कोरोना प्रभावित एवं गरीब परिवार के बच्चों के लिए सुनहरा अवसर है स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय योजना)*
*बेमेतरा:-* प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक स्वामी आत्मानन्द शासकीय अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय वर्तमान में ज़िले के चारों विकासखण्ड क्षेत्र में सन्चालित हो रही है। लिहाजा ज़िले के निर्धन, गरीब तबके व कोरोना इफ़ेक्टेड परिवार वालों के लिए यह सुनहरा अवसर है। जिन्हें छत्तीसगढ़ सरकार मुफ्त में सर्वसुविधाओं के साथ प्राइवेट स्कूलों की तरह इंग्लिश मीडियम में पढ़ने का बेहतर मौका प्रदान कर रहा है। लिहाजा विगत हफ्ते भर पूर्व में चारों सन्चालन क्षेत्र नवागढ़, बेमेतरा, बेरला एवं देवकर में स्थित शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन व दाखिला के लिए लोगों की होड़ दिखाई पड़ी। हालाँकि देखा जाए तो सरकार की यह योजना निम्नस्तर के जीवनयापन एवं कोरोना प्रभावितों व उनके परिजनो के लिए अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी सौगात मानी जा रही है। जिसका व्यापक परिणाम व असर भविष्य में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिल सकता है। लिहाजा जिलेवासियों में इसके प्रति दिलचस्पी खूब दिखाई पड़ रही है। आलम यह है कि ज़िले में हर कोई सरकार की योजना का भरपूर लाभ उठाकर बच्चे को मुफ्त में सर्वसुविधायुक्त व फैसिलिटी में बेहतर पढाई कराने प्रतीक्षारत है।
उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष राज्य सरकार द्वारा प्रदेश शिक्षा के स्तर को सुधारने, सवांरने एवं चमकाने के मकसद से एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय खोलने का निश्चय किया। जिसमें दाखिला व प्रवेश के लिए स्थानीय, आम आदमी व गरीब वर्ग एवं कोरोना से प्रभावित परिजनों के बच्चों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया। इसी मकसद से ज़िले में वर्तमान में चार शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल निजी विद्यालयों की तर्ज पर खोला गया है। जहाँ सर्वसुविधायुक्त स्कूल भवन का निर्माण कर, अंग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ट शिक्षकों को चयनित कर बच्चो को सर्वोत्तम शिक्षा देने का विशेष प्रयास किया जा रहा है। जिसका असर यह हो रहा है कि जिलेभर के लोग सरकार की योजना के पीछे दीवाने हो गए है। स्थिति यह है कि स्कूल मर किसी तरह प्रवेश के लिए जद्दोजहद कर काफी चक्कर काट रहे है। जबकि वर्तमान में कोरोनाकाल के प्रभाव के चलते ऑनलाइन क्लास ही होना है। परिणामस्वरूप देखा जाए तो कोरोना में अपनो को खोए व गरीबी में गुजर बसर करने वाले परिजनों व बच्चों के लिए बड़ा फायदेमंद है। माना जा रहा है कि कमजोर वर्ग के लोगों को राज्य सरकार अप्रत्यक्ष रुप से लाखों रुपये की सौगात पूरे पढाई काल मे उपलब्ध करा रही है।लिहाजा इससे पढाई के क्षेत्र में सुधार के साथ बड़ा बदलाव होने जा रहा है।
*फर्स्ट क्लास से ट्वेल्थ क्लास तक इंग्लिश मीडियम में मुफ्त शिक्षा*
फिलहाल शासकीय स्कूलों में आमतौर पर मुक्त शिक्षा का आधार हिंदी माध्यम में है। जिससे अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शौक व सपना रखने वाले विद्यार्थियों व परिजनों के लिए एक अच्छा सुअवसर माना जा रहा है। जहां प्रदेश सरकार ने होनहार बच्चो के लिए मुफ्त में अच्छी पहल कर निजी विद्यालय की तर्ज पर इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई का सपना संजोकर पूरा कर रही है।जिसका सीधा फायदा भविष्य में नज़र आएगा।
*सर्वसुविधायुक्त वातावरण के साथ उत्कृष्ट शिक्षकों की मौजूदगी*
बरहहाल देखा जाए तो वर्तमान में शासकीय हिंदी मीडियम स्कूल की स्थिति एवं शिक्षा का स्तर की चिंतनीय है। जिसे सुधारने, सवारने व बदलने नए योजन के साथ नवीन विद्यालय बनाकर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की भर्ती कर शिक्षा के ढांचागत आधार एवं क्षेत्र में क्रांति व बदलाव लाये जाने का विशेष सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।जिसमे सरकार की बड़ी भूमिका नज़र आ रही है।
*निजी विद्यालयों की महंगी फीस से राहत व महंगाई से छुटकारा*
दरअसल निजी विद्यालयों में पढ़ाई के दौरान एडमिशन, पुस्तक-कॉपी, यूनिफॉर्म फीस सहित अन्य शुल्क के चलते बच्चों का खर्च बहुत बढ़ जाता है। जिसका आकड़ा जोड़ा जाए तो प्राइवेट स्कूलों में पूरे पढाई काल(पहली से बारहवीं तक)में एक बच्चे को 5 से 10 लाख रुपये का खर्च बैठ जाता है।जिसके कारण प्रति परिवार को दस से बीस लाख रुपये इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए पढाई पर खर्च करना पड़ता है। वही अब सरकारी स्तर पर प्रयास से यह योजना का सीधा लाभ मिलेगा।इसके कारण अब निजी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चो के पालक सरकारी अंग्रेजी माध्यमिक स्कूल के लिए दौड़ लगा रहे है, जिनमे से कुछ राजनीतिक रसूख का भी सहारा ले रहे है। इसके बावजूद पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता होने से अनेक पालको को पात्रता हासिल नही हो पा रहा है।
*इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई के प्रति आम लोगों की दीवानगी व होड़*
चूंकि ज़िले के चारो विकासखण्ड क्षेत्र में स्थल चिन्हांकन कर विद्यालय का निर्माण करा दिया गया है, जहां की व्यवस्था बेहतरीन होने से पालको में जबरदस्त खुशी व होड़ दिख रही है। जिसमे कई क्लासों में ज्यादा संख्या में बच्चे होने से लॉटरी सिस्टम से बच्चो का चयन किया जा रहा है। जिसमे जिन बच्चों का चयन नही हो रहा है उनके पालक व बच्चे मायूस हो रहे है। देखा जाए तो शासकीय योजना के प्रति बेमेतरा ज़िले में होड़ मच गई है। इस योजना के तहत स्कूल को जिस मकसद से खोला गया था उसका व्यापक लाभ कोरोनाकाल के चलते प्रभावित जरूर हुआ है। बावजूद इसके प्रति लोगो की ललक देखने वाली है।
*कोरोनाकाल के बाद यह नयी योजना निजी स्कूलों को दोहरा नुकसान*
चूंकि भीषण कोरोनाकाल एवं शासन-प्रशासन के दिशानिर्देश पर विगत सत्र से स्कूलों का प्राइवेट व निजी विद्यालयों का संचालन लगातार बन्द है।जबकि कुछ स्कूल ऑनलाइन क्लास के नाम पर जरूर अस्तित्व के लिए सिस्टम से लड़ते दिखाई दिए। वही अब सरकार की इस योजना ने निजी स्कूल संचालकों एवं उससे जुड़े लोगों को चारों खाने चित्त कर दिया है। वर्तमान परिस्थितियों के बीच निजी स्कूल अपनी पहचान बचाने रखने के लिए काफी मशक्कत कर रहे है।माना जा रहा है कि इस योजना के कारण ज़िले में अनेको प्राइवेट स्कूल हमेशा के लिए बन्द हो जाएंगे। लिहाजा ज़िले के प्राइवेट व निजी विद्यालयों को कोरोनाकाल के साथ दोहरी क्षति व मार पहुंच रही है। जिससे सञ्चालकों व निजी शिक्षकों की आर्थिक स्थिति चिंताजनक है।
##################*इस सम्बंध में जिला शिक्षा अधिकारी मधुलिका तिवारी का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों के बीच शासन की योजना, गरीब तबके से लेकर मध्यमवर्गीय एवं कोविड प्रभावित परिजन के बच्चों के लिए स्वर्णिम अवसर है। अंग्रेजी माध्यम में होने से शिक्षा का दायरा बढ़ेगा। चूँकि भविष्य में इस योजना का बहुत लाभदायक एवं दूरगामी परिणाम साबित होगा।*