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वनअधिकार कानून बने 16 वर्ष हो चुके लेकिन आज भी लोग वन अधिकार से वंचित हैं

महासमुंद जिला के पिथौरा ब्लाक के पारंपरिक रूप से वनों में निवासरत वन अधिकार कानून 2005 के तहत अपना दावा फार्म नौ  गांव के वन अधिकार अध्यक्षों द्वारा पिथौरा अनुभागीय अधिकारी बी एस मरकाम को 211 लोगों का व्यक्तिगत  वन  अधिकार दावा फार्म  जमा किया गया दलित आदिवासी मंच के सलाहकार देवेंद्र द्वारा शासन को अवगत कराते हुये वनअधिकार कानून बने 16 वर्ष हो चुके लेकिन आज भी लोग वन अधिकार से वंचित हैं सरकार कानून तो बना देती है लेकिन जमीनी स्तर पर वन अधिकार कानून का क्रियान्वयन नहीं हो प रहा है  आज भी लोग ब्यक्तिगत वन अधिकार से वंचित है  इस कानून का जमीनी स्तर पर सही ढंग से अमल नहीं किया जा रहा है 15 जुलाई को सुखी पाली में आसपास  के छिदोली, टिकरापारा, बुदेली  ,भुरकोनी लिलेसर ठाकूरदिया खुर्द कोलदा आदि के सैकड़ों महिला पुरुषों ने मीटिंग कर यह निर्णय लिया कि 19 जुलाई 2021 को ब्यक्तिगत वन अधिकार दावा पत्र  जमा करेंगे  आज अनुभाग अधिकारी को ब्यक्तिगत वन अधिकार दावा फार्म  जमा करके आग्रह किया कि वन अधिकार पत्र दिया जाए तथा कुछ गांव में नरवा घुरवा बाड़ी  एवं गोठान के तहत लोगों की वर्षों से काबिज भूमि पर पंचायत प्रस्ताव कर  गोठान  बनाया जा रहा है

जिस पर रोक लगाया जाए दलित आदिवासी मंच की संयोजिका राजिम के द्वारा सरकार से आग्रह किया कि पानी नहीं गिर रहा है इस साल फिर से अकाल पड़ने का संभावना दिख रहा  है सरकार गांव  में रोजगार गारंटी चालू कर लोगों को भुखमरी से बचाऐ वन अधिकार दावा जमा करने आए अध्यक्ष गण सूखीपाली पूर्व सरपंच सुदर्शन मुन्ना जी तथा छिदौली के पूर्व सरपंच इंदल सिंह मांझी वन अधिकार समिति के अध्यक्ष मनबोध भोइ रामजी निषाद अशोक साहू हेमंत  ठाकुर अमरजीत ठाकुर   सचिव गजानंद निषाद   महेश चक्रधारी नीलेश्वर हरि राम बंजारा भुरकोनी से अमरजीत ठाकुर हेमंत ठाकुर बुंदेली से टीकू राम ठाकुर जूगेशवर सिक्का  खेड़ी गांव से महिला किसान मच से  नीतू सिंह सुखी पाली से माधव बरिया लाभो बरीहा कुल 50लोगों। ने दवा फार्म जमा किया

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