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मछली पालन के नाम पर किसानों से हरियाणा की कंपनी ने की ठगी, Haryana company cheated farmers in the name of fish farming

कई किसानों ने किया आत्महत्या,तो कई का परिवार हुआ तबाह
सीएम,एचएम व कृषि मंत्री से शिकायत के बाद भी नही हो रही है आरोपियों पर कार्यवाही
अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन करेगी सीएम निवास का घेराव और एचसी व सुप्र्रीम कोर्ट में याचिका दायर
भिलाई। अंतर्राष्ट्र्रीय मानस अधिकार संगठन के स्टेट प्रेसिडेंट आदित्य चंन्द्राकर व  संगठन की उपाध्याक्ष अधिवक्ता यामिनी बघेल से संयुक्त रूप से आयेाजित पत्रवार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि छग में चल रही किसानों की हितैषी सरकार में किसानों के साथ ही 1 से लेकर 5 करोड़ रूपये मछली पालन के नाम पर हरियाणा की फाच्र्यून कंपनी द्वारा किसानों के साथ बड़े पैमाने पर ठगी और धोखाधड़ी किया गया है। इस मामले में मछली उत्पादन के बिजनेस के नाम पर कई किसानों ने साढे पांच लाख से लेकर 11 लाख रूपये तक लोन लिये और फाच्र्यून कंपनी द्वारा धोखाधड़ी कर फरार हो जाने के कारण डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर लिये तो कई पीडि़त किसानों का घर पूरी तरह बर्बाद हो गया।
इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, गृहमंत्री एवं कृषि मंत्री के अलावा गत 25 मई को 9 से अधिक विभागों में शिकायत होने के बावजूद भी सभी विभाग अपना पल्ला झाड़ते हुए एक दूसरे पर कार्यवाही करने के नाम पर सिर्फ टाईम पास कर रहे है, और धोखाधड़ी करने वालों पर कोई कार्यवाही नही कर रहे है। सीएम हाउस ने शिकायती पत्र को जांच के लिए कृषि विभाग के हवाले कर दिया। कृषि विभाग ने चूंकि फायनेंसियल लेन देने का विषय बताते हुए पीडि़त किसानों को पुलिस में शिकायत करने की बात कहकर टाल दिया। पीडि़त किसानों ने इस मामले की शिकायत दुर्ग रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा से भी की है लेकिन अभी तक पुलिस सिर्फ मामले की जांच चल रही कह रही है, जबकि उक्त कंपनी की लोकल स्तर से लेकर उच्च स्तर की मीटिंग और सेमीनार दुर्ग रेलवे स्टेशन के सामने होटल में की जाती थी और भोले भाले किसानों को लुभावने वायदे कर व बडे बड़े सपने दिखाकर उनसे करोडों रूपये की ठगी कर ली गई है। मजेदार बात तो यह है कि मोहननगर थाने के पास ओम परिसर के समीप डीटीडीसी कोरियर सर्विस के बाजू में इनका कार्यालय संचालित होते रहे।
श्री चन्द्राकर ने आगे बताया कि छग के 60- से 65 किसाने उनके संपर्क में है, इसके अलावा अभी तक छग के जिला दुर्ग, बालोद, राजनांदगांव,कवर्धा, जांजगीर चांपा, रायपुर, धमतरी सहित प्रदेश के अन्य कई जिलों के किसानों से इसे कंपनी द्वारा ये धोखाधड़ी की गई है। इन किसानों द्वारा अपने उपजाऊ खेत को खोदकर मछली पालन में अत्यधिक फायदा होगा और आप सबका खेत कहीं नही जायेगा और हर महिना 63 हजार रूपये व गार्ड तथा बिजली बिल का अलग से 7 हजार रूपये मिलेगा सहित अन्य कई प्रकार के लुभावने वादे कर हरियाणा की इस कंपनी  ने कुछ स्थानीय किसानों को अपने झांसे में लेकर उनको अपना पार्टनर बताकर ये पूरा धोखाधड़ी के कार्य को अंजाम दिये है, जिसमें कंपनी के प्रमुख मनोज त्रिपाठी, व यहां के सुधीर भंडारी एवं गुलाब चन्द्राकर की प्रमुख भूमिका रही । यही लोग दुर्ग जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में घूमकर अनपढ और कम पढे लिखे किसानों को अपने झांसे में लेकर की गर्वमेंट के फिश पालन योजना से संबंद्ध है और हमारे कंपनी के माध्यम से आप मात्र आधा एकड़ में तालाब खुदवाकर हर साल लाखों रूपये का लाभ कमा सकते हैं। इसके लिए आपको अपना आधा एकड़ जमीन के साथ साथ आपको साढे साढे 5 लाख रूपये इन्वेस्ट करना होगा और आपके जमीन में तालाब खुदाई से लेकर मछली का बीज डालने तथा उसकी सुरक्षा के लिए जाल लगाने का पूरा कार्य कंपनी खर्च करेंगी का झांसा देने के साथ ही कंपनी के बैंक खाते का साढे 5-5 लाख रूपये का राष्ट्रीयकृत बैंकों का पीडीसी चेक भी विश्वास के लिए दिया गया और स्टॉम्प पेपर में सबी चीजों का उल्लेख करते हुए एग्रीमेंट  कर किसानों को पूरा विश्वास में लेकर उनके साथ पहले तीन चार महिने तक उनके खाते में पैसा डालकर पूरी तरह विश्वास में लेकर ठगी किया गया और उसके बाद उनके खाते में पैसा डालना बंद कर दिया गया और मीटिंग में इन किसानों को धमकी देकर साफ कहा जाता था कि कोई खाते में पैसा नही आने या कंपनी द्वारा किसी प्रकार का किये जा रहे गडबडी के बारे में कुछ नही बोलेगा और कोई केस नही करेगा नही तो उनका पैसा उनके खाते में नही डाला जायेगा और उनको कोई पैसा वैसा नही मिलेगा।
इस मामले में आदित्य चंद्राकर ने आगे कहा कि यदि 10 दिन के अंदर पीडि़त किसानों को न्याय नही मिला तो वे सीएम हाउस का घेराव करेंगे , राज्यपाल के मिलकर इस पूरे मामले को बतायेंगे और हाईकोर्ट और सुप्रीर्म कोर्ट में रिट याचिका दायर करेंगे।
इस दौरान पीडि़त किसान कवर्धा से अजमल खान सहित आलोक शर्मा, श्रीमती चमेली साहू के अलावा करीब 10 -15 किसान उपस्थित होकर अपनी पीड़ा बताते हुए पूरी विस्तृत जानकारी दिये कि किस प्रकार से हरियाणा की फाच्र्यून कंपनी द्वारा उनके साथ धोखाधड़ी किया गया। राज्य सरकार की फिश विभाग है जिम्मेदार इस मामले में पीडि़त किसानों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में मछली उत्पादन पढाने और लोगों को आय बढाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए बडे बडे दावे किये और राज्य सरकार की योजना बताये, जिसके कारण प्रदेश के कई जिलों के किसान अपने अपने जिलों में फिश विभाग का चक्कर लगाते रहे और डाक्यूमेंट पूरा जमा करने के बाद भी विभाग द्वारा लगातार उनको अभी केन्द्र सरकार से इसकी राशि नही आई कहकर घुमाते रहे इसी दौरान हरियाणा की कंपनी ने आकर भोले भाले किसानों को बर्गलाकर उनसे करोड़ो रूपये की ठगी कर लिये।पत्रकारवार्ता में सुफी जलाउद्दीन रूमी, डी मोहन राव, हर्ष सोनी, कविता छाबडा, सुषमा सलवटकर, मो. जावेद अंसारी, श्रीमती कविता गिरी गोस्वामी सहित अन्य कई लोग उपस्थित थे।

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