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अतिक्रमण के चलते संकरी हो गई है नगर की प्रमुख सड़कें, Major roads of the city have become narrow due to encroachment

दुकान के बाहर सामान सजाने से यातायात हो रहा है बाधित
निगम के केवल मास्क नही पहनने वालों से जुर्माना वसूलने में व्यस्त
सबसे अधिक मामला नेहरू नगर जोन में, दुर्ग में अग्रहरि करते थे कार्यवाही
भिलाई में कार्यवाही करने में इनको मानों सूंघ गया है सांप

सुपेला क्षेत्र में दुकानदार ठेले वालों से हर माह किराया लेकर लगवा रहे हैं अपने दुकान के आगे

भिलाई । शहर की प्रमुख आवाजाही वाली सड़कें एक बार फिर अक्रिमण की भेंट चढ़ गई है। निगम का अमला अतिक्रमण की ओर ध्यान नही देकर केवल मास्क नही पहनने वालों से जुर्माना वसूलने में व्यस्त है, क्योंकि जुर्माना वसूलने में वसूले गये रूपये में इनको घालमेल कर रूपये दबाने का मौका मिलता है। जगह जगह अतिक्रमण करने के कारण एक तो शहर की सूरत बिगड़ रही है वहीं दूसरी ओर  लोगो को आवाजाही में भी भारी दिक्कत हो रही है। यहां तक कि सुपेला गणेश मार्केट में अपने दुकान के सामने खुद दुकानदार ठेलेवालों से हजार बारह सौ रूपये महिना लेकर अपने दुकान के सामने ठेला लगवाने का भी कार्य कर रहे हैं।

दुकानों के किनारों पर ठेला-खोमचा लगाकर व्यवसाय करने वालों के चलते और व्यवस्था बिगड़ रही है। वहीं अनेक व्यवसायियों द्वारा दुकान की सीमा से अत्यधिक आगे बढकर बाहर सामान सजाने से यातायात बाधित हो रहा है। ऐसे मामले भिलाई निगम के जोन 1 के सुपेला क्षेत्र में सबसे अधिक है। यहां के जोन आयुक्त श्री अग्रहरि जब दुर्ग में आयुक्त हुआ करते थे तो इंदिरा मार्केट सहित अन्य क्षेत्रों में दुकान के बाहर सामान रखने वालों पर प्रतिदिन कार्यवाही करते थे लेकिन भिलाई में ऐसे मामले में कार्यवाही करने में मानों इनको सांप सूंघ गया है।

जगह जगह अतिक्रमण और दुकानदारों द्वारा दुकान के काफी आगे तक सामन सजाकर रखने और ठेला खोमचा लगाने के कारण शहर की कई सड़कें अपने वास्तविक स्वरुप को खोकर संकरी हो गई है। ऐसा अतिक्रमण के चलते हो रहा है। इससे सुगम यातायात की परिकल्पना पर विपरीत असर पड़ रहा है। खासकर सड़कों पर ठेला-खोमचा लगाकर व्यवसाय करने वालों के चलते दोनों ओर की सड़क अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है। रही सही कसर दुकानदारों के द्वारा अपनी सीमा से बाहर जाकर सामानों की सजावट करने से उतर रही है।

भिलाई शहर में फोरलेन से जुड़ी आवाजाही वाली प्रमुख सड़कों पर अतिक्रमण होने से दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ गई है। ऐसी सड़कों में पावर हाउस से नंदिनी रोड, तीनदर्शन मंदिर से 18 नबर रोड़, चंद्रा-मौर्या चौक से रामनगर होते हुए कोहका जाने वाली सड़क, सुपेला से राजेन्द्र प्रसाद चौक वाली सड़क और नेहरू नगर से जुनवानी की तरफ जाने वाली सड़क शामिल है।  इन सभी सड़कों की वास्तविक चौड़ाई काफी अधिक है और बीच में डिवाइडर होने से लोगों को सुगम यातायात की सुविधा के अनुकूल है। लेकिन अतिक्रमण के चलते इन सड़कों का वास्तविक स्वरुप प्रभावित होने से यातायात बाधित हो रहा है। इसके आलावा दुर्घटना की संभावना भी बनी हुई है।

पावर हाउस से जामुल की ओर गुजरने वाली नंदिनी रोड पर शीतला काम्पलेक्स के समीप चाय नास्ता व फल का व्यवसाय करने वालों की अच्छी खासी संख्या है। व्यवायियों के द्वारा सड़क के एकदम किनारे बांस बल्लियों के सहारे तिरपाल लगाकर दुकान बनाकर व्यवसाय किया जा रहा है। इन दुकानों में खरीददारी करने वाले अपने वाहन को सड़क  पर खड़ी कर देते हैं। जिससे सड़क की वास्तविक चौड़ाई खो जाती है। इस मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही होने से पूर्व में अनेक जानलेवा दुर्घटना हो चुकी है।

इसी तरह की दिक्कत सुपेला के राजेन्द्र प्रसाद चौक की ओर जाने वाली सड़क पर भी बनी हुई है। सुपेला रेलवे क्रासिंग से जुड़ी होने से इस सड़क से टाउनशिप की ओर आवाजाही होती है। लिहाजा सुबह से शाम तक इस सडक पर यातायात का दबाव बना रहता है। लेकिन सड़क के दोनों ओर ठेला खोमचा लगाने और दुकानदारों के द्वारा सीमा के बाहर सामान सजाने से यातायात व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। शहर की 18 नंबर रोड चंद्रा-मौर्या से कोहका जाने वाले मार्ग तथा नेहरू नगर से केपीएस होकर आगे निकलने वाली सड़क के किनारे ठेला आदि लगाकर व्यवसाय करने से आने-जाने वालों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

जनप्रतिनिधि नहीं होने से निगम का अमला सुस्त

अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम का अभियान ठप्प पड़ा हुआ है। इसका कारण वर्तमान में निर्वाचित परिषद के नहीं होने को माना जा रहा है। निर्वाचित परिषद के रहते जनभावना के अनुरुप निगम प्रशासन सुगम यातायात की दृष्टि से समय-समय पर सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त रखने अभियान चलाता रहा है। पूर्व में नंदिनी रोड़ सहित सभी प्रमुख आवाजाही वाली सड़कों से ठेला खोमचा वालों को खदेड़ा गया था। लेकिन कार्यवाही में निरंतरता का अभाव होने से कुछ दिन के बाद फिर से सड़कों पर अतिक्रमण हो जाता है। निगम प्रशासन सड़क पर दुकान का साामान सजाने वालों को भी चेतावनी देता रहा है। लेकिन निगम अमले के अन्य कार्यों में व्यवस्त हो जाने के बाद व्यापारियों में फिर से अपने सामान दुकान के बाहर सजाने की होड़ मच जाती है। वर्तमान में शहर की सभी सड़कें अतिक्रमण के चलते संकरी हो गई है। ऐसे में निगम के तोडफ़ोड़ अमले से कार्यवाही करने की जरुरत महसूस की जाने लगी है।

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